
WhatsApp पर जल्द दिखेगा नया लुक, फ्लोटिंग बटन का बदलेगा आकार, चलाना होगा आसान
AajTak
WhatsApp में जल्द ही यूजर्स को नया यूजर इंटरफेस देखने को मिल सकता है. इस इंटरफेस में यूजर्स को नए स्टाइल का फ्लोटिंग बटन मिलेगा. दरअसल, कंपनी का मकसद हर एक डिटेल्स पर यूजर्स का ध्यान आकर्षित करना है. WhatsApp की शुरुआत साल 2009 में की थी और तब से लेकर अब तक यूजर इंटरफेस में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं किए गए हैं.
WhatsApp की शुरुआत साल 2009 में हुई थी और तब से लेकर अब तक इसमें कई नए फीचर्स को शामिल किया जा चुका है. लेकिन अभी तक यूजर इंटरफेस में ज्यादा बदलाव नहीं किए हैं. जल्द ही यूजर इंटरफेस में बदलाव की शुरुआत होने जा रही है. दरअसल, WhatsApp में नया फ्लोटिंग एक्शन बटन नजर आने वाला है.
इस बदलाव का सबूत वॉट्सऐप बीटा के Android version 2.23.10.6 में देखा जा चुका है. इसमें बटन नेविगेशन बार को रिडिजाइन किया है. रिपोर्ट्स में दावा किया है कि वॉट्सऐप जल्द ही पूरे ऐप में बदलाव की शुरुआत हो सकती है.
WhatsApp beta के Android version 2.23.12.3 में रिडिजाइन की कंफर्मेशन मिली है. इस अपडेट में न्यू स्टाइल का टॉगल नजर आ चुका है. यह बदलाव Material Design 3 की गाइडलाइंस पर किया जाएगा. इस गाइडलाइंस में सभी छोटी-छोटी डिटेल्स पर यूजर्स की अटेंशन लाना है.
WhatsApp beta के Android version 2.23.12.15 में नए बदलाव को देखा जा सकता है. फ्लोटिंग एक्शन बटन की मदद से यूजर्स न्यू चैट, न्यू ग्रुप तैयार कर सकता है. नए फ्लोटिंग बटन को स्क्वेयर शेप में तैयार किया है, जबकि पुराना फ्लोटिंग बटन सर्कुलर शेप में मौजूद है.
मौजूदा समय में यह नया फ्लोटिंग बटन डेवलपिंग स्टेज में है. अभी इसका बीटा वर्जन में ट्रायल चल रहा है. जल्द ही सभी ट्रायल पूरे होने के बाद इसे स्टेबल वर्जन के लिए जारी किया जाएगा. हालांकि यह कब तक जारी होगा, उसके बारे में कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं दी है.

Polar Loop price in India: भारतीय बाजार में Polar ने अपना स्क्रीनलेस फिटनेस ट्रैकर लॉन्च कर दिया है. ये डिवाइस Whoop Band जैसे फीचर्स के साथ आता है. जहां Whoop Band के लिए यूजर्स को हर साल सब्सक्रिप्शन खरीदना होता है. वहीं Polar Loop के साथ ऐसा कुछ नहीं है. इस बैंड को यूज करने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी.

इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों पर मंडराता संकट शनिवार, 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ और हालात लगातार पांचवें दिन बिगड़े रहे. देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. बीते चार दिनों से जारी इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा असर शुक्रवार को दिखा, जब 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जबकि गुरुवार को करीब 550 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थीं.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.









