
Vaishakh Purnima 2025: वैशाख पूर्णिमा पर करें विष्णु और चंद्र देव की पूजा, पढ़ें प्राचीन पौराणिक कथा
AajTak
Vaishakh Purnima 2025: मान्यता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, जिस कारण यह तिथि बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है. साथ ही, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं.
Vaishakh Purnima 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक पूर्णिमा तिथि का विशेष धार्मिक महत्व होता है, लेकिन वैशाख मास की पूर्णिमा को विशेष रूप से पवित्र और पुण्यदायी माना गया है. वैशाख मास को देवताओं का मास कहा गया है और इस दिन को धार्मिक दृष्टि से अत्यंत फलदायी माना जाता है.
मान्यता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, जिस कारण यह तिथि बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है. साथ ही, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं. चंद्र देव की उपासना करने से चंद्र दोष और मानसिक अशांति जैसे दोषों का भी शमन होता है.
वैशाख पूर्णिमा कथा (Vaishakh Purnima Katha)
प्राचीन काल में एक नगर में धनेश्वर नामक ब्राह्मण अपनी पत्नी सुशीला के साथ निवास करता था. दंपत्ति धन-धान्य से समृद्ध थे, लेकिन संतानहीनता उनके जीवन का सबसे बड़ा दुःख बन चुकी थी. इसी दौरान नगर में एक साधु महात्मा का आगमन हुआ था. साधु सभी घरों से भिक्षा ग्रहण करते थे, लेकिन धनेश्वर के घर कभी नहीं गए. जब ब्राह्मण दंपत्ति ने इसका कारण पूछा, तो साधु ने स्पष्ट रूप से कहा कि निःसंतान दंपत्ति के घर का अन्न लेना पतित अन्न के समान है, जो पाप का कारण बनता है.
इस अपमान से व्यथित धनेश्वर ने साधु से उपाय पूछा. साधु ने उन्हें 16 दिन तक माँ चंडी की विधिपूर्वक पूजा करने का निर्देश दिया था. व्रत पूर्ण होने के पश्चात माता काली स्वयं प्रकट हुईं और सुशीला को संतान प्राप्ति का वरदान दिया था. साथ ही, उन्होंने पूर्णिमा व्रत की विधि बताई- प्रत्येक पूर्णिमा पर दीपक जलाना और हर माह दीपकों की संख्या बढ़ाना, जब तक कि 32 दीपक न हो जाएं.
कुछ समय बाद सुशीला ने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम देवदास रखा था. बड़े होकर देवदास शिक्षा के लिए काशी गया, जहां धोखे से उसका विवाह करा दिया गया था. देवदास ने विवाह से इंकार किया, यह कहते हुए कि वह अल्पायु है. जब यमदूत देवदास के प्राण लेने पहुंचे, तो वे असफल हो गए थे. मामला यमराज तक पहुंचा, जिन्होंने स्वयं भगवान शिव और माता पार्वती से मार्गदर्शन लिया ता. तब माता पार्वती ने बताया कि यह चमत्कार पूर्णिमा व्रत और माँ काली के वरदान का परिणाम है.

Surya Mangal Yuti 2025: 16 दिसंबर को धनु राशि में बनेगी सूर्य-मंगल की युति, इन राशियों को होगा फायदा
Surya Mangal Yuti 2025: धनु राशि में बन रही सूर्य-मंगल की शक्तिशाली युति कई राशियों के जीवन में नई ऊर्जा, बदलाव और नए अवसर लेकर आ रही है. करियर, धन, रिश्ते और आत्मविश्वास से जुड़े मामलों में भी बड़ा सुधार देखने को मिल सकता है.

क्या आपने कभी गौर किया है कि दुनिया का कोई भी बड़ा नेता-चाहे वह अमेरिकी राष्ट्रपति हो या फ्रांस का प्रमुख भारत पहुंचते ही सबसे पहले हैदराबाद हाउस ही क्यों जाता है? इसकी वजह सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि एक ऐसा शाही अतीत है जिसमें निजाम की रईसी, ब्रिटिश दौर की राजनीतिक जटिलताएं और आजादी के बाद भारत की उभरती कूटनीतिक पहचान तीनों के निशान गहराई से दर्ज हैं.











