
Subhas Chandra Bose: अगर सुभाष चंद्र बोस होते देश के पहले प्रधानमंत्री तो क्या होता भारत का बंटवारा? देखिए विश्लेषण
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नेताजी सभाष चंद्र बोस ने 4 जुलाई 1943 को सिंगापुर में एक राष्ट्रवादी भाषण दिया था. सवाल है कि अगर नेताजी बोस भारत के पहले प्रधानमंत्री होते तो देश में स्थितियां आज कितनी अलग होतीं? अगर वो प्रधानमंत्री होते तो क्या भारत का बंटवारा होता? देखें ये वीडियो.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

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राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.










