
States Profile: पूर्वोत्तर के राज्यों में खिलेगा कमल या भारी पड़ेगा विपक्ष? 25 सीटों पर चलेगा किसका जादू
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पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में 25 लोकसभा सीटें हैं. बीजेपी ने पूर्वोत्तर से 22 सीटें जीतने का टारगेट सेट किया है. पूर्वोत्तर में कमल खिलेगा या विपक्ष भारी पड़ेगा?
पर्वत, नदियां, चाय के बागान और खूबसूरत मौसम... पूर्वोत्तर भारत का जिक्र आते ही जेहन में प्राकृतिक सौंदर्य के खूबसूरत नजारे आ जाते हैं. पूर्वोत्तर की खूबसूरत वादियों में चुनावी रंग घुल चुका है. पूर्वोत्तर भारत में सेवन सिस्टर्स समेत कुल आठ राज्य हैं- मणिपुर, असम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और सिक्किम. पूर्वोत्तर के इन राज्यों में कुल 25 लोकसभा सीटें हैं. जिनमें इन सीटों पर तीन चरणों में चुनाव होना है.
किस राज्य में कितनी सीटें और कब कहां मतदान
पूर्वोत्तर के अरुणाचल प्रदेश की दो, मेघालय की दो, सिक्किम, नगालैंड और मिजोरम की एक-एक लोकसभा सीटों पर पहले चरण में मतदान मतदान होना है. पहले चरण में असम की पांच सीटों पर भी वोटिंग होनी है. सूबे की पांच सीटों पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल और बाकी की चार सीटों पर तीसरे चरण में 7 मई को वोटिंग होगी. मणिपुर और त्रिपुरा की दो सीटों पर पहले और दूसरे, दोनों चरणों में वोटिंग होगी.
पूर्वोत्तर के राज्यों में कौन से मुद्दे हावी
पूर्वोत्तर भारत के असम समेत कई राज्यों की अर्थव्यवस्था टी और टूरिज्म के इर्द-गिर्द घूमती है. लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान भी टी और टूरिज्म उद्योग से जुड़े मुद्दों का शोर खूब सुनाई दिया. बीजेपी नेताओं ने चाय बागान, टूरिज्म और कनेक्टिविटी की दिशा में सरकार के काम गिनाए, अपना विजन बताया.
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