Sri Lanka Economic Crisis: क्या रानिल विक्रमसिंघे लौटा पाएंगे श्रीलंका के अच्छे दिन? भारत के रहे हैं करीब
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Sri Lanka Economic Crisis: रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं. विक्रमसिंघे भारत के करीब रहे हैं. प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी सबसे बड़ी चुनौती श्रीलंका को इस आर्थिक संकट से निकालने की है.
Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका में आर्थिक संकट के बीच रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) नए प्रधानमंत्री बन गए हैं.उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या है? वो सभी को पता है. उनके कंधों पर श्रीलंका को आर्थिक संकट से निकालने का जिम्मा है. विक्रमसिंघे भारत के अच्छे दोस्त रहे हैं. उनके प्रधानमंत्री बनने पर भारतीय उच्चायोग ने कहा कि भारत श्रीलंका की नई सरकार के साथ काम करने को उत्सुक है.
विक्रमसिंघे चौथी बार है श्रीलंका के प्रधानमंत्री बने हैं. हालांकि, वो कभी भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके हैं. विक्रमसिंघे यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) के सांसद हैं. 2020 के चुनाव में यूएनपी ने मात्र एक सीट जीती थी और वो सीट थी विक्रमसिंघे की.
आर्थिक संकट की वजह से देश में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद इसी हफ्ते महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद से ही रानिल विक्रमसिंघे के नाम की चर्चा शुरू हो गई थी. गुरुवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) ने उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया.
विक्रमसिंघे को अक्टूबर 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था. फिर दो महीने तक चली उठापठक के बाद सिरिसेना ने उन्हें वापस इस पद पर बहाल कर दिया था.
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