
Sonu Sood से मिलने की चाहत, 1450 KM स्कूटी चलाकर मिलने पहुंचे 69 साल के बुजुर्ग
AajTak
69 साल के आंध्रप्रदेश के एक निवासी सोनू सूद के बहुत बड़े फैन हैं. सोनू सूद से मिलने की ललक ने उन्हें इतना बल दे दिया कि वे स्कूटी से 1450 किलोमीटर की दूरी तय कर के सोनू सूद से मिलने पहुंचे.
बॉलीवुड और साउथ की फिल्मों में काम करने वाले सोनू सूद कोरोना काल में लोगों के लिए फरिश्ता बनकर आए और ना जाने कितने सारे लोगों की जान बचाई. सोनू सूद को आज हर तरफ से ढेर सारा प्यार और सम्मान मिलता है उसकी वजह है उनका हेल्पिंग नेचर. ना जाने कितने लोगों को कोरोना काल में संकट की घड़ी से बाहर निकालने वाले सोनू सूद की फैन फॉलोइंग भी अब तेजी से बढ़ी है. सोनू सूद के कई सारे ऐसे क्रेजी फैंस हैं जिनके किस्से आपको समय-समय पर सुनने को मिलते रहते हैं. अब सोनू के प्रति ऐसे ही एक और फैन की दीवानगी सामने आई है जो आपके चेहरे पर मुस्कान तो ला ही देगी साथ ही अचंभित भी कर देगी.
रूसी बैले डांसर क्सेनिया रयाबिनकिना कैसे राज कपूर की क्लासिक फिल्म मेरा नाम जोकर में मरीना बनकर भारत पहुंचीं, इसकी कहानी बेहद दिलचस्प है. मॉस्को से लेकर बॉलीवुड तक का उनका सफर किसी फिल्मी किस्से से कम नहीं. जानिए कैसे उनकी एक लाइव परफॉर्मेंस ने राज कपूर को प्रभावित किया, कैसे उन्हें भारत आने की इजाजत मिली और आज वो कहां हैं और क्या कर रही हैं.

शहनाज गिल ने बताया कि उन्हें बॉलीवुड में अच्छे रोल नहीं मिल रहे थे और उन्हें फिल्मों में सिर्फ प्रॉप की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. इसी वजह से उन्होंने अपनी पहली फिल्म इक कुड़ी खुद प्रोड्यूस की. शहनाज ने कहा कि वो कुछ नया और दमदार काम करना चाहती थीं और पंजाबी इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाना चाहती थीं.

ओटीटी के सुनहरे पोस्टर भले ही ‘नई कहानियों’ का वादा करते हों, पर पर्दे के पीछे तस्वीर अब भी बहुत हद तक पुरानी ही है. प्लेटफ़ॉर्म बदल गए हैं, स्क्रीन मोबाइल हो गई है, लेकिन कहानी की कमान अब भी ज़्यादातर हीरो के हाथ में ही दिखती है. हीरोइन आज भी ज़्यादातर सपोर्टिंग रोल में नज़र आती है, चाहे उसका चेहरा थंबनेल पर हो या नहीं. डेटा भी कुछ ऐसी ही कहानी कहता है.










