
SIR: ममता ने मतुआ समुदाय को बनाया हथियार, क्या घुसपैठ के मुद्दे को कर पाएंगी काउंटर?
AajTak
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव की सियासी सरगर्मी के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने सियासी समीकरण को दुरुस्त करने में जुट गई हैं. यही वजह है कि एसआईआर प्रक्रिया के बीच ममता बनर्जी ने मतुआ समुदाय को साधने के लिए बड़ा सियासी दांव चला, जिसे बीजेपी के घुसपैठ वाले मुद्दे को काउंटर करने की रणनीति मानी जा रही है.
पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की सियासत गरमा गई है. चुनाव आयोग द्वारा जारी एसआईआर (SIR) प्रक्रिया के बीच मतुआ समुदाय को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी साधने में जुट गई हैं. ममता बनर्जी ने मतुआ समुदाय के गढ़ वाले उत्तरी 24 परगना के बनगांव इलाके में 3 किलोमीटर तक पैदल मार्च किया. इस दौरान उन्होंने भरोसा दिया कि वह मतुआ समाज के साथ पूरे तन-मन से खड़ी हैं.
मतुआ समुदाय को लुभाने के लिए ममता बनर्जी ने मतुआ समुदाय के मुख्यालय में एसआईआर विरोधी रैली की. इस रैली के बहाने वह बीजेपी के वोटबैंक में सेंधमारी करती नजर आईं. उन्होंने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया में अगर असली मतदाताओं के नाम हटाए गए, तो वह किसी को नहीं बख्शेंगी, बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख देंगी.
मतुआ समुदाय ने पिछले कुछ चुनावों में बीजेपी को वोट किया है. ममता बनर्जी ने अपनी रैली ऐसे समय की है, जब बीजेपी और अन्य हिंदू संगठन पिछले कुछ महीनों से लगातार सीएए (CAA) के लिए आवेदन अभियान चला रहे हैं. ऐसे में ममता बनर्जी ने एसआईआर से न डरने का आग्रह किया और उन्होंने कहा कि वह उनके साथ खड़ी हैं.
बीजेपी बंगाल में बना रही घुसपैठ का मुद्दा
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने बड़ा प्लान तैयार किया है. बिहार की तरह बंगाल में घुसपैठ के मुद्दे को सियासी धार देने की कवायद में जुटी है. एसआईआर प्रक्रिया पर टीएमसी और कांग्रेस द्वारा खड़े किए जा रहे सवाल के जवाब में बीजेपी यह बताने में जुटी है कि विपक्ष अवैध रूप से देश में घुसे बांग्लादेशियों को बचाना चाहता है.
पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में अवैध घुसपैठियों का मुद्दा गरमा गया है. बीजेपी बंगाल में अवैध घुसपैठ का मुद्दा उठाकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकार को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास कर रही है. पीएम मोदी से लेकर अमित शाह सहित बीजेपी के तमाम नेता घुसपैठ का मुद्दा हर जनसभा में उठा रहे हैं और बता रहे हैं कि ममता सरकार मुस्लिम वोटों के तुष्टीकरण में घुसपैठियों को बचा रही है.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







