Sikkim Disaster: क्या Nepal में आए भूकंप से है सिक्किम में ग्लेशियल लेक तबाही का कनेक्शन?
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Sikkim में बादल फटा, झील टूटी. 17 हजार फीट से तबाही बहते हुए नीचे आई. अब वैज्ञानिक यह खोज रहे हैं कि कहीं Nepal के भूकंप ने झील की दीवारों को कमजोर तो नहीं कर दिया था. या झील के टूटने की वजह बना हो. क्योंकि भूकंप का आना, बादल का फटना फिर झील का टूटना एक के बाद एक करके हुईं हैं.
क्या नेपाल में आए 6.2 तीव्रता के भूकंप की वजह से सिक्किम में आपदा तो नहीं आई? देश के वैज्ञानिक इन दोनों घटनाओं के आपसी संबंध का पता करने का प्रयास कर रहे हैं. वो ये पता करना चाहते हैं कि कहीं नेपाल के भूकंप की वजह से चुंगथांग के ऊपर मौजूद साउथ ल्होनक ग्लेशियल लेक की दीवारें कमजोर तो नहीं हो गई थीं.
झील के टूटने से निकले पानी के तेज बहाव की वजह से चुंगथांग डैम टूट गया. ये 1200 मेगावॉट का हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट था. हैदराबाद के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) की तस्वीरें तो भयावह खुलासे करती हैं. जिसमें दिखाया गया है कि साउत ल्होनक लेक का पूरा क्षेत्रफल 100 हेक्टेयर कम हो गया है. जबकि 17 सितंबर 2023 को ऐसा नहीं था. इससे पता चलता है कि झील टूटी और उससे तीस्ता नदी (Teesta River) में अचानक बाढ़ आई.
22 जवानों समेत सैकड़ों लोग लापता हैं. साउथ ल्होनक झील पहले से ही टूटने की कगार पर थी. वैज्ञानिकों ने दो साल पहले यानी साल 2021 में ही इस लेक के टूटने की आशंका जताई थी. यह झील करीब 168 हेक्टेयर इलाके में फैली थी. जिसमें से 100 हेक्टेयर का इलाका टूट कर खत्म हो गया. यानी इतने बड़े इलाके में जमी बर्फ और पानी बहकर नीचे की ओर आया है. यह जानकारी केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने दी.
क्या दिखाती है ISRO की तस्वीर?
फिलहाल वैज्ञानिकों का कहना ये है कि अभी एकदम से नेपाल के भूकंप और सिक्किम के GLOG यानी ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड को जोड़ा नहीं जा सकता. लेकिन हम इसके संबंधों की जांच कर रहे हैं. क्योंकि सिर्फ बादल फटने से इतनी बड़ी घटना नहीं हो सकती. अगर आप ISRO द्वारा जारी तस्वीरों को देखिए तो आपको पता चलेगा.
इसरो ने तीन सैटेलाइट फोटो का कॉम्बो जारी किया है. अगर आप तस्वीर को बाईं तरफ से देखेंगे तो उसमें साफ दिखा रहा है अंतर. पहले हिस्से में दिख रहा है कि 17 सितंबर 2023 को झील करीब 162.7 हेक्टेयर क्षेत्रफल की थी. 28 सितंबर 2023 को बढ़कर 167.4 हेक्टेयर इलाके में फैल गई. 04 अक्टूबर को इसका क्षेत्रफल सिर्फ 60.3% ही बचा.
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