
Rules for Roti: क्यों नहीं खानी चाहिए बासी आटे की रोटी? जान लें इसके अशुभ प्रभाव
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Astrological rules: क्या आप जानते हैं कि ज्योतिष में रोटी का संबन्ध ग्रहों से बताया गया है, इसको लेकर नियम भी बताए गए हैं. गरुड़ पुराण और धर्मसिंधु में इन नियमों का जिक्र मिलता है.
हिंदू धर्म में रसोई को सिर्फ भोजन बनाने की जगह नहीं माना गया, बल्कि उसे घर का सबसे पवित्र हिस्सा बताया गया है. मान्यता है कि यहां मां अन्नपूर्णा का वास होता है, जो घर में समृद्धि, शांति और पोषण का आशीर्वाद देती हैं. इसलिए रसोई में बनने वाला हर भोजन शुद्ध, सात्त्विक और नियमों का पालन करते हुए बनाया जाना चाहिए
बासी आटे में तामसिक ऊर्जा क्यों बढ़ती है?
रात का गुंथा आटा सुबह तक वह बासी हो जाता है. उसमें हल्का-सा खमीर भी बनने लगता है. शास्त्रों के अनुसार ऐसा आटा तामसिक माना जाता है. ऐसे आटे को खाने से नकारात्मक ऊर्जा, आलस्य, भारीपन, चिड़चिड़ाहट और क्रोध बढ़ता है.
मां अन्नपूर्णा से जुड़ा विश्वास
हमारे घर की रसोई को मां अन्नपूर्णा का स्थान माना गया है. इसलिए भोजन बनाते समय शुद्धता, स्वच्छता और ताजगी का ध्यान रखना आवश्यक है. जब बासी आटे से रोटियां बनाई जाती हैं, तो इससे मां अन्नपूर्णा नाराज होतीं और रसोई की सकारात्मकता कम हो जाती है.
रोटी का संबध सूर्य और मंगल ग्रह से













