Reality Check: बड़े दावों के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए तरस रही दिल्ली
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अब जब ये रियलिटी चेक किया गया तो सरकार के दावों पर भी सवाल खड़े हो गए और लोगों का दर्द भी सामने आ गया. अभी भी तमाम दवाई की दुकानों पर रेमडेसिविल इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है. मरीज के परिजन कई दिनों तक चक्कर काटते रहते हैं, लेकिन इस इंजेक्शन की उपलब्धता नहीं हो पाती है.
दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, स्वास्थ्य सेवाएं भी चरमरा रही हैं. बड़े दावों और ऐलानों के बीच आजतक ने ये जानने का प्रयास किया कि क्या दिल्ली के मार्केट में अब रेमडेसिविर इंजेक्शन मिल रहा या नहीं. कुछ दिन पहले ही केंद्र की तरफ से दिल्ली को रेमडेसिविर की 72 हजार डोज दी गई हैं, ऐसे में ये जानना और जरूरी था कि ये डोज अब आम लोगों तक पहुंच पा रही हैं या नहीं. अब जब ये रियलिटी चेक किया गया तो सरकार के दावों पर भी सवाल खड़े हो गए और लोगों का दर्द भी सामने आ गया. अभी भी तमाम दवाई की दुकानों पर रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है. मरीज के परिजन कई दिनों तक चक्कर काटते रहते हैं, लेकिन इस इंजेक्शन की उपलब्धता नहीं हो पाती है. अब इसी का कारण जानने के लिए सबसे पहले एम्स का रुख किया गया.हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.