Rangbhari Ekadashi 2021: कब है रंगभरी एकादशी? इस पूजन विधि से होगी शिव की कृपा
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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रंगभरी एकादशी के दिन ही भगवान शिव माता पार्वती को विवाह के बाद पहली बार काशी लेकर आए थे. इस दिन से वाराणसी में होली का पर्व शुरू हो जाता है, जो लगातार 6 दिनों तक चलता है. इस बार रंगभरी एकादशी 25 मार्च को है.
फाल्गुन शुक्ल की एकादशी को काशी में रंगभरी एकादशी कहा जाता है. रंगभरी एकादशी बाबा विश्वनाथ के भक्तों के लिए बेहद विशेष है. ये वो पर्व है जिसे भोले की नगरी काशी में मां पार्वती के स्वागत के प्रतीक के रुप में मनाया जाता है. इस दिन बाबा विश्वनाथ का विशेष श्रृंगार होता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रंगभरी एकादशी के दिन ही भगवान शिव माता पार्वती को विवाह के बाद पहली बार काशी लेकर आए थे. इस दिन से काशी में होली का पर्व शुरू हो जाता है, जो लगातार 6 दिनों तक चलता है. इस बार रंगभरी एकादशी 25 मार्च को है. रंगभरी एकादशी पर कैसे करें उपासना? इस दिन सुबह नहाकर पूजा का संकल्प लें. घर से एक पात्र में जल भरकर शिव मंदिर जाएं. अबीर, गुलाल, चन्दन और बेलपत्र भी साथ ले जाएं. पहले शिव लिंग पर चन्दन लगाएं. फिर बेल पत्र और जल अर्पित करें. इसके बाद अबीर और गुलाल अर्पित करें. भोलेनाथ से अपनी सभी परेशानियों को दूर करने की प्रार्थना करें.
सिंगापुर के हाई कमिश्नर टू इंडिया, साइमन वोंग ने अपनी पोस्ट में दो स्क्रीनशॉट भी साझा किए. पहला स्क्रीनशॉट इंडिगो की ओर से आया व्हाट्सऐप अलर्ट था, जिसमें फ्लाइट कैंसिल होने की जानकारी दी गई थी. दूसरा स्क्रीनशॉट शादी स्थल पर मौजूद मेहमानों द्वारा भेजा गया, जिसमें उन्हें वोंग का इंतजार करते हुए देखा जा सकता था.

इंडिगो की फ्लाइट्स के लगातार कैंसिल और घंटों की देरी के बीच यात्रियों का कहना है कि एयरपोर्ट पर स्थिति बेहद अव्यवस्थित रही. कई यात्रियों ने शिकायत की कि न तो समय पर कोई अनाउंसमेंट किया गया और न ही देरी की सही वजह बताई गई. मदद के लिए हेल्प डेस्क और बोर्डिंग गेट पर बार-बार गुहार लगाने के बावजूद उन्हें स्टाफ का कोई ठोस सहयोग नहीं मिला.

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