
Pradosh Vrat 2022: ससुर के श्राप से चंद्र देव हो गए थे कुष्ठ रोगी, यहां पढ़ें प्रदोष व्रत की ये प्राचीन कथा
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Pradosh Vrat: प्रदोष व्रत हर माह दो बार आता है. कृष्ण और शुक्ल पक्षों की त्रयोदशी तिथि को ये व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा होती है. प्राचीन कथा के अनुसार इस व्रत की शुरुआत चंद्र देव ने अपने ससुर के श्राप से मुक्ति पाने के लिए की थी. माघ मास में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 30 जनवरी को ये व्रत रखा जाएगा.
Pradosh Vrat: माघ मास में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 30 जनवरी दिन रविवार को प्रदोष व्रत है. रविवार को होने की वजह से इसे रवि प्रदोष व्रत कहते हैं. शिवरात्रि के बाद भगवान शिव की पूजा के लिये प्रदोष व्रत सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. इस बात का जिक्र शिव पुराण में भी किया गया है. इस व्रत के शुरू होने के पीछे की कहानी चंद्र देव से जुड़ी हुई है. चंद्र देव अपने ससुर के श्राप की वजह के कुष्ठ रोग से पीड़ित हो गए थे. ससुर के श्राप से मुक्ति पाने के लिए नारद मुनि के परामर्श पर चंद्र देव ने त्रयोदशी को प्रदोष पूजन किया था. यहां पढ़ें पूरी कथा...

सिंगापुर के हाई कमिश्नर टू इंडिया, साइमन वोंग ने अपनी पोस्ट में दो स्क्रीनशॉट भी साझा किए. पहला स्क्रीनशॉट इंडिगो की ओर से आया व्हाट्सऐप अलर्ट था, जिसमें फ्लाइट कैंसिल होने की जानकारी दी गई थी. दूसरा स्क्रीनशॉट शादी स्थल पर मौजूद मेहमानों द्वारा भेजा गया, जिसमें उन्हें वोंग का इंतजार करते हुए देखा जा सकता था.

इंडिगो की फ्लाइट्स के लगातार कैंसिल और घंटों की देरी के बीच यात्रियों का कहना है कि एयरपोर्ट पर स्थिति बेहद अव्यवस्थित रही. कई यात्रियों ने शिकायत की कि न तो समय पर कोई अनाउंसमेंट किया गया और न ही देरी की सही वजह बताई गई. मदद के लिए हेल्प डेस्क और बोर्डिंग गेट पर बार-बार गुहार लगाने के बावजूद उन्हें स्टाफ का कोई ठोस सहयोग नहीं मिला.

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