PMLA एक्ट की वजह से कई बड़े घोटालेबाजों पर शिकंजा कसा गया, उनसे वसूली भी हुई... केंद्र की SC में दलील
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केंद्र ने बताया कि पिछले 17 सालों में 98,368 करोड़ रुपए मूल्य के धन शोधन मामलों की गड़बड़ी का पता लगाकर छानबीन की गई. इस सिलसिले में एजेंसियों ने इसी कानून के तहत 2883 जगह छापेमारी या तलाशी भी ली. तुषार मेहता ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि जांच पड़ताल के दौरान 57 मामले आतंकवाद और नक्सलियों को अवैध और गोपनीय ढंग से 1249 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद देने के सामने आए हैं.
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) यानी धन शोधन निरोधक कानून में जोड़ गए प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान केंद्र सरकार ने एक्ट की तारीफ की. केंद्र ने कहा, इसी एक्ट के प्रावधानों के जरिए विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी से बैंकों को 8,000 करोड़ रुपये लौटाए गए.
डीसीपी (महिलाओं के खिलाफ अपराध) वीरेंद्र विज ने बताया कि शिक्षक संजू वर्मा ने लड़की को पहले इंस्टाग्राम पर फॉलो करने के अनुरोध को स्वीकार करने के लिए मजबूर किया. इसके बाद आरोपी शिक्षक ने ऐप पर उसे "अश्लील" मैसेज भेजने शुरू कर दिए. मामले की जानकारी मिलने के बाद पीड़िता के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.
राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.