
PAK: मंत्री के चुनाव हारते ही PM इमरान की फजीहत, विपक्ष ने की सरकार भंग करने की मांग
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इमरान खान की सत्तारूढ़ पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और उसके राजनीतिक सहयोगी संसद के 104 सदस्यीय उच्च सदन (सीनेट) में 37 सीटों पर हुए चुनावों में विपक्षी दलों के खिलाफ लड़ी थी. हालांकि अभी चुनाव के पूरे परिणाम नहीं आए हैं. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में यह दावा किया गया है कि पीटीआई और उसके सहयोगी सीनेट में बहुमत हासिल कर लेंगे.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी एक बार फिर खतरे में नजर आ रही है. बुधवार को हुए चुनाव में पीटीआई सरकार में वित्त मंत्री हफीज शेख को पूर्व पीएम युसूफ रजा गिलानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद अब उन्हें संसद में विश्वास मत हासिल करने की चुनौती मिल रही है. इसको लेकर विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "इमरान खान और उनकी पार्टी सर्वसम्मति से निर्णय पर पहुंची है कि इमरान खान संसद से विश्वास मत हासिल करेंगे." बता दें कि इमरान खान की सत्तारूढ़ पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और उसके राजनीतिक सहयोगी संसद के 104 सदस्यीय उच्च सदन (सीनेट) में 37 सीटों पर हुए चुनावों में विपक्षी दलों के खिलाफ लड़ी थी. हालांकि अभी चुनाव के पूरे परिणाम नहीं आए हैं. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में यह दावा किया गया है कि पीटीआई और उसके सहयोगी सीनेट में बहुमत हासिल कर लेंगे. सीनेट के चुनाव में वित्त मंत्री हफीज शेख का हार जाना इमरान खान के लिए किसी झटके से कम नहीं है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि शेख के मामले में निर्वाचक मंडल संसद का निचला सदन था, जो देश के प्रधानमंत्री को चुनता है. 2018 के आम चुनाव में इमरान खान को निचले सदन में बहुमत मिला था. बता दें कि शेख अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आईएमएफ के साथ पाकिस्तान की बुरी आर्थिक स्थिति को लेकर महत्वपूर्ण बातचीत कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य देश में अर्थव्यवस्था को स्थिर करना है. वित्त मंत्री के रूप में वो अपना काम जारी रख सकते हैं लेकिन कहा जा रहा है कि इससे इमरान खान और उनकी पार्टी को राजनीतिक क्षति जरूर पहुंची है.
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