MSP तक ठीक, लेकिन WTO से भारत के बाहर निकलने की मांग क्यों कर रहे किसान? समझें- पूरा लॉजिक
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किसान संगठनों ने सोमवार को ट्रैक्टर मार्च निकाला. ये मार्च डब्ल्यूटीओ यानी विश्व व्यापार संगठन के खिलाफ निकाला गया. किसान संगठन चाहते हैं भारत डब्ल्यूटीओ से बाहर निकल जाए. उनका दावा है कि इससे बाहर आए बिना एमएसपी की लीगल गारंटी नहीं मिल सकती.
Farmers Protest WTO: संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनैतिक) की अगुवाई में आज किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली. किसानों ने अपने ट्रैक्टर पंजाब और हरियाणा में हाईवे पर खड़े कर दिए.
किसानों ने सोमवार को जो ट्रैक्टर मार्च निकाला, वो विश्व व्यापार संगठन यानी डब्ल्यूटीओ के खिलाफ निकाला है. किसान चाहते हैं कि भारत डब्ल्यूटीओ से बाहर निकाल आए. इस दौरान शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों ने डब्ल्यूटीओ का पुतला भी फेंका.
किसानों का ये प्रदर्शन ऐसे वक्त हो रहा है, जब 26 से 29 फरवरी तक अबू धाबी में डब्ल्यूटीओ की एक अहम कॉन्फ्रेंस हो रही है. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का कहना है कि है कि कृषि को डब्ल्यूटीओ से बाहर निकालना चाहिए.
ये पहली बार नहीं है जब किसानों ने इस तरह की मांग की है. किसान लंबे वक्त से डब्ल्यूटीओ से बाहर निकलने की मांग करते आ रहे हैं.
पर क्यों?
किसान संगठन डब्ल्यूटीओ की नीतियों को किसान विरोधी बताते हैं. ऑल इंडिया किसान सभा से जुड़े श्मशेर सिंह नंबरदार ने दावा किया कि डब्ल्यूटीओ के कारण ही सरकार एमएसपी की लीगल गारंटी नहीं दे पा रही है.
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