Moon: बार-बार उदास होने से आता है अवसाद, कौन सा ग्रह होता है इसका जिम्मेदार और क्या है इसके बचाव के उपाय ?
ABP News
Moon: डिप्रेशन यानी अवसाद एक मानसिक अवस्था यह जब बढ़ते-बढ़ते शारीरिक अवस्था तक आ जाती है, तब यह कष्टकारी हो जाती है.
Moon: वर्तमान युग भारी भागदौड़ एवं कशमकश भरा है आज के युग में हर इंसान मशीन की तरह जीवन यापन करने के लिए मजबूर है. कारण हर इंसान की आकांक्षाएं एवं महत्वाकांक्षा इतनी हो गई है कि वह किसी भी तरह से अपने आप से संतुष्ट नहीं हो पा रहा और इस कारण आम आदमी भारी तनाव में जीने के लिए मजबूर हो रहा है. डाक्टरों एवं वर्तमान मेडिकल साइंस की रिसर्च को मानें तो प्रति 10 व्यक्ति में से 12 व्यक्ति मानसिक अवसाद से घिरे हैं, और सीधी सच्ची भाषा में डिप्रेशन के शिकार हैं ऐसा क्यों है.
डिप्रेशन यानी अवसाद एक मानसिक अवस्था यह जब बढ़ते-बढ़ते शारीरिक अवस्था तक आ जाती है, तब यह कष्टकारी हो जाती है.आम जिन्दगी में हर व्यक्ति को छोटे-छोटे डिप्रेशन प्वाइंट मिलते हैं जैसे- गाड़ी चलाते समय छोटे छोटे गढ्ढे या स्पीड ब्रेकर होते हैं. यह छोटे डिप्रेशन प्वाइंट सकारात्मक सोच और हर्ष के वेग के आगे टिक नहीं पाते हैं लेकिन जब लगातार किन्हीं परिस्थितियों में यह अवसाद प्वाइंट आते रहते है तब व्यक्ति निराशा के काले बादल से घिर जाता है. जब कोई हल दिमाग में न आए मन हताश हो जाए, उस हताशा से निकलना उसका नामुमकिन लगने लगे उसे डिप्रेशन कहते हैं. आज की भौतिक युग में लोगों ने अपनी इच्छाओं को बहुत ही बढ़ रखा है. लोग कर्ज लेकर सुख भोगने लगे हैं, अभाव में न रहना ही उनका उद्देश्य है. सुख की अभिलाषा तो है ही साथ में ईर्ष्या भी न चाहते हुए अधिक हो रही है. व्यक्ति अपने दुख से ज्यादा दूसरों के सुख से उदास हो रहा है. छोटी नकारात्मकता बढ़ते बढ़े घातक डिप्रेशन में बदल जाती है कि व्यक्ति अपनी जीवन लीला ही समाप्त करने में नहीं हिचकता है. डिप्रेशन से विक्षिप्तता तक आ जाती है, जिसके कारण वहशी होते हुए परिवार तक को समाप्त कर देते हैं.