Mahabharat Katha: इस बात से क्रोधित होकर युधिष्ठिर ने दिया था महिलाओं को एक श्राप, जानें क्या?
ABP News
Mahabharat: कहते हैं कुरुक्षेत्र के युद्ध के दौरान रात के समय पांडवों को किसी के रोने की आवाज आई. जब उन्होंने पास जाकर देखा तो उनकी माता कुंती कर्ण(Karna) से लिपटकर विलाप कर रही थीं ये देखकर वो सभी हैरान रह गए और शत्रु की मौत पर आंसू बहाने का कारण पूछा.
पांडव पुत्रों में सबसे बड़े थे युधिष्ठिर चूंकि वे सदैव धर्म के मार्ग पर चले इसलिए धर्मराज युधिष्ठिर कहलाए. लेकिन एक बार क्रोधित होकर युधिष्ठिर ने महिलाओं को ऐसा श्राप दिया जो आज तक कायम है. इस श्राप का संबंध उनकी माता कुंती से जुड़ा हुआ है. चलिए बताते हैं आपको महाभारत का ये पूरा किस्सा. कुंती के पुत्र थे कर्ण सूर्य पुत्र कर्ण कुंती से जन्मे इस बात को केवल कृष्ण ही जानते थे. कुंती को कर्ण वरदान स्वरूप प्राप्त हुए थे. उस वक्त कुंती कुंवारी थीं लिहाजा उन्होंने लोक लाज के डर से कर्ण को नदी में छोड़ दिया था बाद में कर्ण को भीष्म के सारथी अधिरथ और उनकी पत्नी राधा ने ही पाला उन्हें ही वो नदी में मिले थे.. बाद में कुंती का विवाह हस्तिनापुर के राजा पांडु से हुआ जिससे उनके पांच पुत्र हुए जो पांडव कहलाए.More Related News