
Mahabharat: दम तोड़ती द्रौपदी ने कहा-अर्जुन नहीं, अगले जन्म भीम हों मेरे पति
ABP News
अभिमन्यु के बेटे परीक्षित को हस्तिनापुर का राजपाट सौंप पैदल स्वर्ग के लिए गए थे पांडवस्वर्ग के रास्ते पर 2 बार भीम ने बचाई थी द्रौपदी की जान, अंत समय तक साथ चलते रहे
Mahabharat katha : ये तो सब जानते हैं कि द्रौपदी से अर्जुन का विवाद स्वयंवर में मिली जीत का परिणाम था. लेकिन द्रौपदी का विवाह पांचों पांडवों से मां कुंती के दिए आदेश के चलते हुआ. फिर भी द्रौपदी ने पांचों भाइयों के साथ पत्नी का धर्म निभाया था. द्रौपदी के अपमान के चलते छिड़े महाभारत को दुर्योधन के वध के बाद जीतकर पांडव खुश तो थे, लेकिन सर्वाधिक खुशी भीमसेन को थी. ऐसा इसलिए क्योंकि पांचों भाइयों में द्रौपदी से सर्वाधिक प्रेम भीम को था, यही कारण था कि भरी सभा में द्रौपदी के वस्त्रहरण के बाद भीमसेन ने दुर्योधन की जंघा तोड़ने और दुशासन की छाती फाड़कर रक्त पीने की सौगंध ली थी. अपनी सौगंध पूरी कर पत्नी के अपमान का बदला लेने के चलते भीमसेन द्रौपदी के और भी प्रिय हो गए थे. यही कारण था कि द्रौपदी ने स्वयंवर में अर्जुन को पति के तौर पर जरूर चुना, लेकिन पूरी उम्र वह भीम को ही अधिक पसंद करती रहीं. अंत समय में भी उन्होंने अर्जुन के बजाय भीम को ही अगले जन्म में अपने पति के तौर पर प्राप्त करने की इच्छा जताई.More Related News
