
Inside Story: धोखा, जुर्म और जालसाजी का रास्ता... पुलिस अकादमी में कैसे दो साल तक SI की ट्रेनिंग लेती रही 'मोना'
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वो कभी सूबे के एडीजी के साथ टेनिस खेलती थी, तो कभी पूर्व डीजीपी की बेटी की शादी में गेस्ट बन कर जाती थी. और कभी किसी कोचिंग सेंटर में जाकर पुलिस की परीक्षा कैसे क्रैक की जाए, इस पर नए-नए स्टूडेंट्स को ज्ञान की घुट्टी पिलाती थी. लेकिन उसका सच कुछ और ही था.
एक लड़की राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर की भर्ती के लिए इम्तिहान देती है. इसके बाद जब उसका रिजल्ट आता है, तो वो लड़की खुशी-खुशी अपने घर और गांववालों को बताती है कि वो अब सब इंस्पेक्टर बन गई है. इसके बाद अगले दो साल तक वो राजस्थान पुलिस अकादमी में बकायादा ट्रेनिंग लेती है. ट्रेनिंग खत्म होने के बाद बारी आती है पोस्टिंग की. मगर जैसी ही पोस्टिंग की बारी आती है, तो एक ऐसा खुलासा होता है, जिसे सुनकर पूरी पुलिस अकादमी में हड़कंप मच जाता है.
वर्दी की धौंस
वो सूबे के एडीजी के साथ टेनिस खेलती, तो कभी पूर्व डीजीपी की बेटी की शादी में गेस्ट बन कर अपियर होती. और कभी किसी कोचिंग सेंटर में जाकर पुलिस की परीक्षा कैसे क्रैक की जाए, इस पर नए-नए स्टूडेंट्स को ज्ञान की घुट्टी पिलाती थी. कुल मिलाकर, उसका रौब ऐसा था कि बड़े से बड़ा पुलिस अफसर भी गच्चा खा जाए. वो जब चाहे जिसे चाहे वर्दी की धौंस दिखा कर चुप करा देती थी.
बंडलबाज़ निकली वर्दीवाली लड़की
लेकिन एक दिन जब उसके रौब-दाब ठसक, पुलिसिया चाल-ढाल और वर्दी के तिलिस्म से पर्दा हटा तो पता चला कि वो कोई पुलिस अफसर नहीं बल्कि नंबर एक की बंडलबाज़ लड़की है, जिसने राजस्थान पुलिस एकेडमी की कमियों का फायदा उठाते हुए ना सिर्फ दो साल तक फर्जी तरीके से पुलिस सब इंसपेक्टर की ट्रेनिंग ली, बल्कि इसी ट्रेनिंग के दौरान पुलिस वाली होने का ऐसा धमाल मचाया कि जब पोल खुली तो उसके संपर्क में आने वाले लोग उसका सच जान कर हैरत में पड़ गए.
पुलिस भर्ती परीक्षा में नाकाम हो गई थी मोना

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