Halla Bol: PFI पर प्रहार, कट्टरपंथी संगठन पर बैन को लेकर सियासत क्यों?
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गृहमंत्रालय ने पीएफआई पर पांच साल की पाबंदी लगा ही दी. कई धड़ों से इसकी मांग बहुत पहले से हो रही थी. लेकिन ये प्रतिबंध पुख्ता सबूतों के आधार पर लगा है. PFI बैन पर जमकर सियासी बयानबाजी हो रही है. सवाल है कि कट्टरपंथी संगठन पर बैन को लेकर सियासत क्यों हो रही है? अंजना ओम कश्यप के साथ देखिए हल्ला बोल में बहस.
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद आजतक ने गृह मंत्री अमित शाह से खास बातचीत की. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी के 400 पार और बीजेपी नेताओं के 'संविधान में संशोधन' जैसे बयानों पर उन्होंने खुलकर बात की. उन्होंने स्पष्ट किया कि बीजेपी की ऐसी कोई योजना नहीं है कि सीटें मिलने के बाद संविधान में संशोधन करेंगे या सेक्युलर शब्द हटाएंगे.
उत्तर प्रदेश और बिहार में मतदान का अब तक का बहुत कम प्रतिशत देखने को मिला है. गृह मंत्री अमित शाह, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और हैदराबाद के असदुद्दीन ओवैसी ने अपना नामांकन दाखिल किया है. चुनावी हिंसा की खबरें भी कई हिस्सों से सामने आई हैं. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ इस बात की जांच करने के लिए सहमत हो गई है कि क्या जिला मजिस्ट्रेट एक नियमित मामले के रूप में चुनाव से पहले धारा 144 लागू कर सकते हैं? याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि जब तक शांति भंग होने की आशंका न हो आप धारा 144 लागू करने का आदेश जारी नहीं कर सकते.
बीजेपी से लोकसभा प्रत्याशी नितिन गडकरी ने आजतक के एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में अपने संसदीय क्षेत्र नागपुर के विकास कार्यों पर बात की. उन्होंने अपने विरोधियों के आरोपों पर भी प्रतिक्रिया दी और आगे के विकास कार्यों की योजना बताई. नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि मेरे 10 साल किए काम वोट दिलाने के लिए बहुत ज्यादा हैं. देखें एक्सक्लूसिव इंटरव्यू.