
Gurugram Fire: 5 महीने की बेटी को बचाने के लिए बस की खिड़की से बाहर फेंका, खुद भी निकले लेकिन जिंदा जल गई पत्नी
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गुरुग्राम में बुधवरा को एक स्लीपर बस में आग लगने से 2 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में एक महिला भी शामिल है जिसका नाम माया है. अब उसके पति ने बताया है कि अपनी 5 महीने की बेटी को बचाने के लिए उन्होंने बस की खिड़की से बाहर फेंक दिया था जिसे स्थानीय लोगों ने कैच कर बचाया लेकिन वो पत्नी को नहीं बचा सके.
राजस्थान की राजधानी जयपुर से दिल्ली आ रही एक स्लीपर बस में बुधवार को गुरुग्राम हाइवे पर भीषण आग लग गई थी जिसमें जलकर 2 यात्रियों की मौत हो गई थी. वहीं बाकी लोगों ने बस से कूदकर किसी तरह अपनी जान बचाई थी. यह घटना गुरुग्राम में सिग्नेचर टावर फ्लाईओवर के पास हुई थी.
जिन दो यात्रियों की इस हादसे में मौत हुई थी उसमें माया नाम की महिला भी शामिल थी. अब उसके पति ने घटना को लेकर जो जानकारी दी है उसे सुनकर आपके आंखों में भी आंसू आ जाएंगे. 45 साल के दिनेश ने बताया कि जब बुधवार की रात बस में आग लगी तो हम उसमें फंस गए. उन्होंने अपनी बेटी को आग से बचाने के लिए बस की खिड़की से बाहर स्थानीय लोगों के हाथ में फेंक दिया जिससे उनकी जान बच गई.
दिनेश ने कहा कि वो भी किसी तरह बस से बाहर निकलने में कामयाब रहे लेकिन अपनी पत्नी माया को नहीं निकाल पाए. उन्होंने कहा, मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं अपनी पत्नी को कैसे बचाऊं.
उन्होंने बताया कि इस हादसे के बाद मेरी बड़ी बेटी को घटना में होने वाले दूसरी मौत के तौर पर बताया गया जो कि गलत था. वो मेरी पत्नी माया थी. उन्होंने कहा कि जब पुलिस ने उन्हें शिनाख्त के लिए बुलाया तो उन्होंने पत्नी की पहचान की जो आग में पूरी तरह झुलस गई थी. हालांकि इस हादसे के बाद से उनकी बड़ी बेटी दीपाली भी लापता है जिसकी उम्र अभी सिर्फ 5 साल है.
बता दें कि जयपुर से दिल्ली आ रही स्लीपर बस (AR 01 K 7707) जब बुधवार देर शाम गुरुग्राम में सिग्नेचर टावर फ्लाईओवर पर पहुंची तो बस में से आग की लपटे उठने लगीं. बस में चीख-पुकार मच गई. बस में काफी सवारियां मौजूद थीं. बस में लगी आग को देखते हुए तत्काल ही इसकी सूचना दमकल विभाग और पुलिस को दी. बस में लगी आग की चपेट में आने के कारण दो लोगों की मौत हो गई है. वहीं, 10-12 लोग झुलस गए हैं जिनका निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है.

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