
EXCLUSIVE: फतेहपुर में जिस जगह पर बना अब्दुल समद का मकबरा, वो जमीन किसकी? जानिए क्या कहते हैं सरकारी दस्तावेज
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Fatehpur News: मुस्लिम पक्ष कहता है कि यह औरंगजेब के फौजदार अब्दुल समद और उसके बेटे अबू बकर का मकबरा है. जबकि, हिंदू पक्ष इसके मंदिर होने का दावा करता है. तो ऐसे में आइए जानते हैं आखिर क्या है यह पूरा विवाद? साथ ही कैसे यह मकबरा मंगी राष्ट्रीय संपत्ति घोषित हुआ.
यूपी के फतेहपुर में मकबरे को मंदिर मानकर पूजा अर्चना के बाद बवाल खड़ा हो गया. हिंदू पक्ष कहता है कि यह जमीन हिंदुओं की है और मकबरा पूर्व में भगवान कृष्ण व शिव का मंदिर था. वहीं, मुस्लिम पक्ष कहता है कि यह औरंगजेब के फौजदार अब्दुल समद और उसके बेटे अबू बकर का मकबरा है. तो ऐसे में आइए जानते हैं आखिर क्या है यह पूरा विवाद? साथ ही कैसे यह मकबरा मंगी राष्ट्रीय संपत्ति घोषित हुआ.
बात ब्रिटिश हुकूमत के समय की है. साल 1927 और 28 में फतेहपुर की कुल 28 बीघा जमीदारी को लेकर दो जमींदार परिवारों- लाल गिरधारी लाल रस्तोगी और मानसिंह परिवार के बीच जमींदारी बंटवारे एक वाद दायर हुआ. 14 अगस्त 1928 को तत्कालीन ब्रिटिश हुकूमत की कोर्ट से गाटा संख्या- 751/ 752/754 लाल गिरधारी लाल रस्तोगी को दिया गया और गाटा संख्या- 753 मानसिंह परिवार को दिया गया. गाटा संख्या- 753 का कुल क्षेत्रफल 1.7650 हेक्टेयर था. यानी 1 लाख 89,983 स्क्वायर फीट.
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30 दिसंबर 1970 को मानसिंह परिवार के वंशज नरेश्वर मानसिंह की पत्नी शकुंतला मानसिंह ने यह 753 गाटा संख्या रामनरेश सिंह को बेच दी. रामनरेश सिंह ने इस जमीन पर प्लाटिंग कर दी. 10 जुलाई 2014 को एसडीम फतेहपुर की जांच रिपोर्ट के अनुसार रामनरेश सिंह ने 1.5890 हेक्टर जमीन प्लाटिंग कर लोगों को बेची थी.
मुस्लिम पक्ष, जिसका कहना है कि यह औरंगजेब के फौजदार अब्दुल समद और उसके बेटे अबू बकर का मकबरा है उसने एसडीएम कोर्ट में साल 2007 में एक वाद दायर किया. वाद संख्या- 26 /2007 मुस्लिम पक्ष की तरफ से मोहम्मद अनीस ने रामनरेश सिंह पर यह बाद दायर किया था. जिस पर सुनवाई करते हुए 20 अप्रैल 2012 को रामनरेश सिंह का नाम निरस्त करते हुए इस पर मंगी मकबरा राष्ट्रीय संपत्ति मुतवल्ली मोहम्मद अनीस निवासी अबू नगर का नाम दर्ज हुआ. मौजूदा समय में फतेहपुर के भू राजस्व अभिलेखों में गाटा संख्या- 753 पर मंगी मकबरा (राष्ट्रीय संपत्ति) मुतवल्ली मोहम्मद अनीस का नाम दर्ज है.
साल 2019 में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में इस वक्फ प्रॉपर्टी को वक्फ संपत्ति के तौर पर दर्ज कराया गया, जिसमें वक्फ, मकबरा अब्दुल समद और अबू मोहम्मद के नाम पर वक्फ नंबर- 1635 जिला फतेहपुर के तौर पर दर्ज हुआ और जिसका मुतवल्ली मोहम्मद अनीस के बाद उसके बेटे अबू हुरैरा को बनाया गया.

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