
Exclusive: 'अजित को आगे कर विलेन बनाते थे शरद पवार, क्योंकि...', आजतक से बोले देवेंद्र फडणवीस
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डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सबसे पहले तो राज्य में दल बदले जाने और इसके कारण बदले हुए समीकरण पर बात की. उन्होंने कहा कि, 'मैं नेता हूं न पंडित पर वोटर जरूर हूं. मैं सच बोलता हूं, ये बिल्कुल प्रिडिक्टिबल राज्य है. इस राज्य की जनता ने पीएम मोदी के साथ जाने का फैसला कर लिया है. जो हमने 2014 में किया, 2019 में किया वही हम 2024 में करके दिखाएंगे.
लोकसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले तक महाराष्ट्र में बड़ी सियासी उठा-पटक देखी गई. ऐसे में इसबार महाराष्ट्र में 2024 का लोकसभा चुनाव काफी रोमांचक हो चला है. BJP के साथ गठबंधन में दो और पार्टी चुनाव लड़ रही हैं. खास बात ये है कि ये दोनों दल अपने दलों से टूटकर बने हैं और अब विरोधी खेमों में बंट गए हैं. निश्चित तौर पर इन वजहों से राज्य में वोटों का आंकड़ा और समीकरण इधर-उधर बदला हुआ है. राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इन सभी विषयों पर आजतक से खास बातचीत की. उन्होंने चुनावों के साथ-साथ अपने गठबंधन में सहयोगी दलों पर बात की और कई सवालों पर अपनी राय भी रखी.
डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सबसे पहले तो राज्य में दल बदले जाने और इसके कारण बदले हुए समीकरण पर बात की. उन्होंने कहा कि, 'मैं नेता हूं न पंडित पर वोटर जरूर हूं. मैं सच बोलता हूं, ये बिल्कुल प्रिडिक्टिबल राज्य है. इस राज्य की जनता ने पीएम मोदी के साथ जाने का फैसला कर लिया है. जो हमने 2014 में किया, 2019 में किया वही हम 2024 में करके दिखाएंगे.
उनसे जब ये सवाल किया गया कि 2014 से लेकर 2019 और अब की स्थिति में बहुत फर्क है. पीएम मोदी को भी 9 के बजाय 18 रैली करनी पड़ रही है. इसका मतलब है कि स्थिति तो बदली हुई है. इस पर डिप्टी सीएम ने कहा कि, पीएम मोदी की 18 तो नहीं, लेकिन पिछली बार से ज्यादा रैलियां हैं. इसकी वजह ये है कि इस बार समय ज्यादा मिला है. पिछले समय का चुनाव बहुत कॉम्पैक्ट था,पीएम मोदी आ नहीं सकते थे. इसके साथ ही हमने तय किया है कि, हमारे गठबंधन दलों के लिए भी पीएम मोदी की सभा हो. पहले शिवसेना एक पार्टी हुआ करती थी, एनसीपी एक पार्टी हुआ करती थी. इस बार चूंकि शिंदे सेना है, उनके सामने उद्धव ठाकरे भी खड़े हैं. कुछ न कुछ वोट उद्धव ठाकरे के साथ भी जाएंगे, इसलिए पीएम मोदी की सभाओं को ऐसे स्थानों पर गठबंधन दलों के साथ बढ़ाया गया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि, मुझे कोई असमंजस नहीं लगता. महाराष्ट्र के गठबंधन भी क्लियर हैं. लोगों के मन भी कोई असमंजस नहीं है. जो पीएम मोदी के साथ है, उसके साथ जनता है.
सवालों के सिलसिले में बात जब इस पर आई कि, सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना को उनकी राजनीतिक हैसियत से ज्यादा सीटें दी गई हैं और ऐसा दिख रहा है कि वह एनडीए की कमजोर कड़ी साबित हो सकते हैं, तो इस पर डिप्टी सीएम ने कहा कि, किसी भी नेता की हैसियत जनता के मन में तय होती है. एकनाथ शिंदे की शिवसेना आपके आंकड़ों को तोड़कर आगे चली जाएगी. जहां तक हमारा सवाल है. हम हम लोग ये उम्मीद कर रहे थे कि हमें 30 सीटें मिलेंगी, लेकिन 30 के बजाय हम 28 सीटों पर लड़ रहे हैं. 15 सीटों पर शिवसेना लड़ रही हैं, उनके साथ 13 सांसद आए थे तो 13 सीटों पर उनका हक बनता था. उन्हें इसी आधार पर सीटें मिली हैं. इसके अलावा बीजेपी-शिवसेना, एनसीपी और मनसे हमारा गठबंधन संतुलित है.
डिप्टी सीएम से जब ये पूछा गया कि, 'देखा जा रहा है कि महाराष्ट्र में दलित और मुस्लिम वोट उद्धव ठाकरे की ओर ट्रांसफर हो रहे हैं इसके बारे में क्या कहेंगे" इस पर उन्होंने कहा कि, 'उद्धव ठाकरे जबसे शरद पवार और कांग्रेस के साथ गए हैं, तबसे उन्होंने सूडो सेक्युलर पॉलिटिक्स अपना ली है. अब अल्लाह हू अकबर और टीपू सुल्तान जिंदाबाद के नारे उनकी पार्टी के लोग लगा रहे हैं. इससे हमें पता था कि मुस्लिम वोटर उनके साथ जाएगा और वह जा रहा है, पर इससे हमारे ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
इसके साथ ही एक सवाल के जवाब में उन्होंने शरद पवार की एनसीपी को लेकर कहा कि, उनकी कोई विचारधारा नहीं थी, एनसीपी क्षत्रपों की पार्टी थी, वो सारे क्षत्रप जो उनके साथ थे, आज अजित पवार के साथ हमारे साथ आए हैं. शरद पवार की वोट ट्रांसफर करने की अपनी एक क्षमता है. कोई भी पार्टी स्प्लिट होती है, कोई न कोई उनका वोट रहता है, लेकिन ज्यादा वोट एकनाथ शिंदे, हमारे साथ लाए हैं. अजित पवार अपने साथ लेकर आए हैं. मैं मानता हूं कि एकनाथ शिंदे का पूरा वोट हमें ट्रांसफर होगा और अजित पवार के वोट भी लगभग सारे हमारी तरफ आएंगे.

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