CCTV फुटेज, PCR कॉल पर लेट रिएक्शन... कोर्ट में कंझावला केस पर क्यों घिरी दिल्ली पुलिस?
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अंजलि का मौत 1 जनवरी को हुई थी. उसके शव को दिल्ली की सड़कों पर 12 किमी तक घसीटा गया था. लेकिन चौंकाने वाली बात तो ये है कि ये सब उस रात हुआ, जब पूरा देश न्यू ईयर का जश्न मना रहा था. दिल्ली पुलिस की पुख्ता सुरक्षा के दावों के बीच अंजलि ने सड़क पर ही दम तोड़ दिया था.
दिल्ली के कंझावला केस में पुलिस की कार्रवाई पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. अब इस मामले में कोर्ट ने भी दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है. साथ ही कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पीसीआर के जवाब में हुई देरी पर रिपोर्ट मांगी है. इतना ही नहीं कोर्ट ने इस केस से जुड़े CCTV फुटेज के संरक्षण का आदेश दिया, ताकि सबूतों से छेड़छाड़ न हो सके. यह पहला मौका नहीं है, जब दिल्ली पुलिस इस मामले में सवालों के घेरे में है. केस होने से पुलिस की थ्योरी पर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं, आईए जानते हैं कि इस मामले में पुलिस कैसे घिरती दिख रही है...
- एक्सीडेंट की रात, पुलिस ने नहीं दिखाई दिलचस्पी
दिल्ली के कंझावला में 1 जनवरी को सुबह एक राहगीर ने कार के पीछे लाश घिसटती हुई देखी. इसके बाद उसने पुलिस को करीब 3.24 बजे कॉल की. दीपक नाम के युवक ने बताया कि वो लगभग 3.15 बजे दूध की डिलीवरी का इंतजार कर रहा था, तभी उन्होंने एक कार को आते देखा. पीछे के पहियों से जोर की आवाज आ रही थी. इसके बाद उसने ही पुलिस को कार के पीछे शव लटके होने की सूचना दी. हादसे के बाद वो सुबह 5 बजे तक पुलिस के संपर्क में रहा, कोई मौके पर नहीं आया. दीपक ने कहा कि उसने बेगमपुर तक बलेनो कार का पीछा किया. आरोप है कि पीसीआर वैन में मौजूद पुलिस ने रिस्पॉन्स नहीं दिया और केस के बारे में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. दीपक का दावा है कि शव के उलझने तक कार इधर-उधर दौड़ती रही. शव गिरने के बाद आरोपी मौके से भाग गए. प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार कार सामान्य गति में थी और देखने से लग रहा था कि वे होश में हैं. अब पीसीआर के जवाब में हुई देरी पर कोर्ट ने जवाब मांगा है.
- क्या कागजों में थी भारी पुलिस बल पुलिस की तैनाती
अंजलि का मौत 1 जनवरी को हुई थी. उसके शव को दिल्ली की सड़कों पर 12 किमी तक घसीटा गया था. लेकिन चौंकाने वाली बात तो ये है कि ये सब उस रात हुआ, जब पूरा देश न्यू ईयर का जश्न मना रहा था. दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रखे थे. जहां अंजलि को घसीटा गया था, उस 12 किमी के दायरे में तीन थानों की पुलिस तैनात थी. पुलिस की 9 पीसीआर वैन और कागजों पर ही सही दिल्लीवालों की हिफाजत के लिए गश्त करती रहीं. इन सबके बीच एक कार में सवार हैवान 20 साल की एक लड़की को देश की राजधानी की एक पथरीली सड़क पर घसीटते रहे.
इसके बाद पुलिस ने कॉल के आधार पर तत्काल आसपास के इलाकों में तैनात टीम को अलर्ट किया और कार की तलाश में जुट गई. कब लडकी की मौत हुई, किस पल वो लाश बन गई और कैसे वो लाश एक मोटरकार के पहिए के नीचे फंस कर लगभग दो घंटे तक पथरीली सड़क पर भागती रही. तीन थानों की पुलिस ना देख सकी. 12 किलोमीटर के दायरे में 9 पीसीआर वैन को भी इसका पता नहीं चला.
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और अपनी पार्टी के इकलौते सांसद जीतन राम मांझी भी मोदी सरकार में मंत्री बन गए हैं. 44 सालों के पॉलिटिकल करियर में मांझी राज्य सरकार में कई बार मंत्री बन चुके हैं लेकिन पहली बार वो मोदी सरकार में मिनिस्टर बने हैं. मांझी ने एनडीए उम्मीदवार के तौर पर इस बार गया (रिजर्व सीट) से चुनाव लड़ा था और भारी मतों के अंतर से चुनाव जीता था.