
Canada: महिला टिकटॉकर ने पी लिया इतना पानी, पहुंच गई अस्पताल
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एक महिला टिकटॉकर ने फिटनेस चैलेंज के तहत इतना ज्यादा पानी पी लिया कि उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. महिला ने पूरा वाकया सोशल मीडिया पर शेयर किया है. उन्होने बताया है कि कैसे ज्यादा पानी पीना उनके लिए परेशानी का सबब बन गया.
सोशल मीडिया पर वायरल होने की चाहत में अक्सर लोग ऐसा कुछ कर बैठते हैं कि बाद में उन्हें पछतावा होता है. ऐसा ही एक केस सामने आया है, जिसमें एक टिकटॉकर (TikToker) ने ऑनलाइन फिटनेस चैलेंज के चक्कर में इतना पानी पी लिया कि उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. हॉस्पिटल में एडमिट होने के बाद टिकटॉकर ने सोशल मीडिया पर अपनी फोटो पोस्ट कर घटना के बारे में बताया है.
न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक टिकटॉक (TikTok) इन्फ्लुएंसर मिशेल फेयरबर्न (Michelle Fairburn) कनाडा में रहती हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रचलित 75 हार्ड (75 Hard) चैलेंज को स्वीकार किया और उसे फॉलो करने लगीं. इस चैलेंज में 75 दिनों तक एक रूटीन फॉलो करना होता है, जैसे सुबह जल्दी उठना, रोजाना एक्सरसाइज करना, बाहर का भोजन ना करना, अल्कोहल छोड़ना, रोज 10 मिनट कोई किताब पढ़ना. इस चैलेंज को स्वीकार करने वाले को प्रतिदिन पानी पीने की मात्रा भी बढ़ानी होती है और रोजाना अपनी फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करना होता है. ठीक ऐसा ही मिशेल फेयरबर्न भी कर रही थीं.
भूख लगना हो गई बंद
मिशेल लगातार 12 दिनों तक 4 लीटर पानी पीती रहीं. बारह दिन बाद उन्होंने टिकटॉक पर अपना एक वीडियो शेयर करते हुए बताया कि उन्हें लग रहा है कि ज्यादा पानी पीने के कारण उनकी तबीयत खराब हो रही है. वीडियो में मिशेल ने कहा,'मैं बिल्कुल भी अच्छा महसूस नहीं कर रही हूं. रात को सोने के बाद कई बार मेरी नींद खुली और मुझे बाथरूम जाना पड़ा. भूख लगना बंद हो गई और मैं कमजोर महसूस करने लगी. दिन के कई घंटे मुझे टॉयलेट में गुजारने पड़े.'
...तो जा सकती थी जान
टिकटॉकर ने आगे बताया,'हालत खराब होने के बाद मैं डॉक्टर के पास पहुंची. उनके कहने पर कई तरह के टेस्ट कराए. टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर ने बताया कि मुझे सोडियम डेफिसिएंसी (sodium deficiency) नामक बीमारी हो गई है. लगातार 4 लीटर पानी पीने के कारण ऐसा हुआ है. डॉक्टर ने मुझे कुछ दिनों तक रोजाना आधा लीटर से भी कम पानी पीने की सलाह दी. डॉक्टर ने मुझे बताया कि सोडियम डेफिसिएंसी या हाइपोनेट्रेमिया का समय पर इलाज न किया जाए तो इससे जान भी जा सकती है.'

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