Bhopal: सतपुड़ा भवन में आग का चुनावी संयोग... फिर जल गईं 12000 फाइलें, कोरोनाकाल में पेमेंट के दस्तावेज भी खाक
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भोपाल के सतपुड़ा भवन में आग लगने से संचालनालय स्वास्थ्य सेवाओं की स्थापना, नर्सिंग, शिकायत, लेखा और आयोग शाखा समेत विधानसभा प्रश्न से संबंधित दस्तावेज जल गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो शिकायत शाखा में कोरोना काल के दौरान अस्पतालों को किए गए भुगतान के दस्तावेज भी रखे हुए थे. साथ ही यहां लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में में दर्ज शिकायतों की भी फाइलें थीं.
मध्य प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी दफ्तर सतपुड़ा भवन में सोमवार को लगी आग से करीब 25 करोड़ का फर्नीचर और 12 हजार से ज्यादा अहम फाइलें स्वाहा हो गईं. मतलब राज्य निदेशालय के लगभग 80 फीसदी दस्तावेज खाक हो गए. आग लगने के समय भवन के अंदर एक हजार से ज्यादा लोग थे, लेकिन उन्होंने समय रहते बाहर निकलकर अपनी जान बचा ली. गनीमत रही कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ.
यह दूसरी बार है जब इस भवन में आग लगी है. इससे पहले भी साल 2018 में विधनसभा चुनाव के ठीक बाद और साल 2012 में चुनाव के पहले इसी भवन की तीसरी मंजिल धधक उठी थी. अब फिर चुनाव से 4 माह पहले लगी आग को विपक्षी दल कांग्रेस ने साजिश करार दिया है, जबकि सूबे के सत्तारूढ़ दल बीजेपी ने कहा है कि इस कार्यालय में कोई संवेदनशील दस्तावेज नहीं थे.
पहले जान लेते हैं कि आग कब और कैसे लगी? वीकेंड के बाद सोमवार को हर बार की तरह सतपुड़ा भवन में काम-काज चल रहा था. अधिकारी कर्मचारी अपने-अपने काम में लगे हुए थे. दफ्तर से छूटने का भी समय होता जा रहा था कि अचानक शाम 4 बजे के आसपास भवन की तीसरी मंजिल पर स्थित जनजातीय कार्य विभाग में आग धधक उठी. कोई कुछ समझ पाता उससे पहले ही लपटों ने फर्नीचर समेत दस्तावेजों को अपनी चपेट में ले लिया. सूचना मिलते ही बिल्डिंग में मौजूद लोगों के बीच भगदड़ मच गई. आग की वजह एयरकंडीशनर में हुए शॉर्ट सर्किट को बताया जा रहा है.
तीसरी से छठवीं मंजिल तक आग ही आग भोपाल की फायर ब्रिगेड पहुंचती तब तक आग तीसरी मंजिल से चौथी, पांचवीं और छठवीं मंजिल तक पहुंच चुकी थी. भीषण आग को देखते हुए भोपाल समेत बीएचईएल, एयरपोर्ट, मडीदीप, सीहोर, रायसेन और विदिशा तक से दमकल की गाड़ियां बुलाई गईं. मगर पानी की बौछारें आग को ठंडी नहीं कर पाईं.
थलसेना और वायुसेना तक से मांगी मदद मुख्यमंत्री कार्यालय के नजदीक बने दफ्तर में आग लगने की सूचना सीएम शिवराज सिंह चौहान को दी गई. सीएम ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मदद की गुहार लगाई. देश के गृहमंत्री अमित शाह से भी बात की. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस घटना और आर्मी, एयरफोर्स, भेल, सीआईएसएफ की मदद से अवगत कराया. उधर से प्रधानमंत्री ने भी मुख्यमंत्री को हरसंभव मदद का भरोसा दिया.
थलसेना के जवानों ने मोर्चा संभाला राज्य प्रशासन का फयर फाइटिंग अमला आग बुझाने की कोशिश में लगा हुआ था. इसके बाद सेना के जवान भी मौके पर पहुंचे. सेना की गाड़ियों को सतपुड़ा भवन तक पहुंचाने के लिए शहर में विशेष कॉरिडोर बनाए गए, लेकिन विकराल स्थिति को देखते हुए देर रात जवान लौट गए. फिर मुख्यमंत्री सचिवालय ने वायुसेना से आग बुझाने के लिए गुहार लगाई. रक्षा मंत्री के निर्देश पर तय हुआ कि एयरफोर्स रात में अपने एएन 32 विमान और एमआई 15 हेलीकॉप्टर से हालात पर काबू पाने भोपाल आएगी. इसके लिए भोपाल का राजाभोज एयरपोर्ट रातभर खुला रखा गया. हालांकि, वायुसेना के विमान रात तक नहीं पहुंचे. क्योंकि इससे पहले तक 95 फीसदी आग पर काबू पा लिया गया था.
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