
BFF बनीं शाहरुख-श्रीदेवी की बेटियां, साथ में सैलून पहुंचीं सुहाना खान-खुशी कपूर
AajTak
सुहाना खान और खुशी कपूर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. वीडियो में सुहाना और खुशी बेस्ट फ्रेंड वाइब्स दे रही हैं. दोनों एक साथ सैलून पहुंचीं, जहां पैपराजी ने उन्हें अपने कैमरों में कैद कर लिया. सैलून सेशन के दौरान सुहाना और खुशी दोनों कैजुअल आउटफिट में नजर आईं.
सुपरस्टार शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान जल्द ही अपनी डेब्यू फिल्म से फैंस को इंप्रेस करने के लिए तैयार हैं. लेकिन फिल्म रिलीज से पहले ही सुहाना फैंस की फेवरेट बन चुकी हैं और उनके दिलों पर राज करती हैं. यूथ के बीच सुहाना की बड़ी फैन फॉलोइंग है. सुहाना को अब मुंबई में सैलून सेशन एन्जॉय करते हुए स्पॉट किया गया.
सुहाना और खुशी पहुंचीं सैलून
सुहाना खान हाल ही में अपनी डेब्यू फिल्म आर्चीज की शूटिंग पूरी करके ऊटी से लौटी हैं. सुहाना के साथ खुशी कपूर और अगस्त्य नंदा को भी एयरपोर्ट पर स्पॉट किया गया था. शूटिंग सेट के बाद अब सुहाना खान और खुशी कपूर को एक साथ सैलून सेशन एन्जॉय करते हुए स्पॉट किया गया.
सुहाना खान और खुशी कपूर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. वीडियो में सुहाना और खुशी बेस्ट फ्रेंड वाइब्स दे रही हैं. दोनों एक साथ सैलून पहुंचीं, जहां पैपराजी ने उन्हें अपने कैमरों में कैद कर लिया. सैलून सेशन के दौरान सुहाना और खुशी दोनों कैजुअल आउटफिट में नजर आईं.
लग्जरी कार मर्सिडीज बेंज की मालकिन बनीं Nikki Tamboli, शेयर की फोटोज, लाखों में है कीमत
Jug Jugg Jeeyo Box Office Collection Day 4: भूल भुलैया 2 को नहीं पछाड़ पाई वरुण धवन की फिल्म, चौथे दिन कमाई में भारी गिरावट

रूसी बैले डांसर क्सेनिया रयाबिनकिना कैसे राज कपूर की क्लासिक फिल्म मेरा नाम जोकर में मरीना बनकर भारत पहुंचीं, इसकी कहानी बेहद दिलचस्प है. मॉस्को से लेकर बॉलीवुड तक का उनका सफर किसी फिल्मी किस्से से कम नहीं. जानिए कैसे उनकी एक लाइव परफॉर्मेंस ने राज कपूर को प्रभावित किया, कैसे उन्हें भारत आने की इजाजत मिली और आज वो कहां हैं और क्या कर रही हैं.

शहनाज गिल ने बताया कि उन्हें बॉलीवुड में अच्छे रोल नहीं मिल रहे थे और उन्हें फिल्मों में सिर्फ प्रॉप की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. इसी वजह से उन्होंने अपनी पहली फिल्म इक कुड़ी खुद प्रोड्यूस की. शहनाज ने कहा कि वो कुछ नया और दमदार काम करना चाहती थीं और पंजाबी इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाना चाहती थीं.

ओटीटी के सुनहरे पोस्टर भले ही ‘नई कहानियों’ का वादा करते हों, पर पर्दे के पीछे तस्वीर अब भी बहुत हद तक पुरानी ही है. प्लेटफ़ॉर्म बदल गए हैं, स्क्रीन मोबाइल हो गई है, लेकिन कहानी की कमान अब भी ज़्यादातर हीरो के हाथ में ही दिखती है. हीरोइन आज भी ज़्यादातर सपोर्टिंग रोल में नज़र आती है, चाहे उसका चेहरा थंबनेल पर हो या नहीं. डेटा भी कुछ ऐसी ही कहानी कहता है.










