
Akshaya Tritiya 2021: कब है अक्षय तृतीया? जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और धन प्राप्ति का उपाय
AajTak
इस दिन सूर्य और चन्द्रमा दोनों ही अपनी उच्च राशि में स्थित होते हैं. इसलिए दोनों की सम्मिलित कृपा का फल अक्षय हो जाता है. अक्षय का अर्थ होता है- जिसका क्षय न हो. इसलिए माना जाता है कि इस तिथि को किए गए कार्यों के परिणाम का क्षय नहीं होता है.
वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है. इस दिन सूर्य और चन्द्रमा दोनों ही अपनी उच्च राशि में स्थित होते हैं. इसलिए दोनों की सम्मिलित कृपा का फल अक्षय हो जाता है. अक्षय का अर्थ होता है- जिसका क्षय न हो. इसलिए माना जाता है कि इस तिथि को किए गए कार्यों के परिणाम का क्षय नहीं होता है. माना जाता है इसी दिन भगवान परशुराम, नर-नारायण और हयग्रीव का अवतार हुआ था. इसी दिन से बद्रीनाथ के कपाट खुलते हैं और और केवल इसी दिन वृन्दावन में भगवान बांके-बिहारी जी के चरणों का दर्शन होते हैं. इस दिन मूल्यवान वस्तुओं की खरीदारी की जाती है और तमाम चीजों का दान किया जाता है. इससे धन की प्राप्ति और दान का पुण्य अक्षय बना रहता है. यह वर्ष का स्वयंसिद्ध मुहूर्त है. इस दिन बिना किसी शुभ मुहूर्त के कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है. इस वर्ष अक्षय तृतीया 14 मई को होगी. क्या है पूजन विधि? प्रातः काल घर में शीतल जल से स्नान करें. इसके बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें और उन्हें सफेद फूल अर्पित करें. भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें. इसके बाद कुछ दान का संकल्प करें.
इंडिगो की फ्लाइट्स के लगातार कैंसिल और घंटों की देरी के बीच यात्रियों का कहना है कि एयरपोर्ट पर स्थिति बेहद अव्यवस्थित रही. कई यात्रियों ने शिकायत की कि न तो समय पर कोई अनाउंसमेंट किया गया और न ही देरी की सही वजह बताई गई. मदद के लिए हेल्प डेस्क और बोर्डिंग गेट पर बार-बार गुहार लगाने के बावजूद उन्हें स्टाफ का कोई ठोस सहयोग नहीं मिला.

'रात को हमारे फ्लैट में दो लड़कियां आईं थीं...', लड़कों को भारी पड़ा दोस्तों को बुलाना, बताया किस्सा
बेंगलुरु की हाउसिंग सोसाइटी से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां पर दो बैचलर युवक पर उसके मकान मालिक ने 5000 का जुर्माना सिर्फ इसलिए लगा दिया क्योंकि उसके रूम पर दो लड़कियां रात में रुकी थीं.

Aaj 5 December 2025 का पंचांग (Aaj ka Panchang): 5 दिसंबर 2025, दिन- शुक्रवार, पौष मास, कृष्ण पक्ष, प्रतिपदा तिथि, रोहिणी नक्षत्र सुबह 11.46 बजे तक फिर मृगशिरा नक्षत्र, चंद्रमा- वृष राशि में रात 22.15 बजे तक फिर मिथुन में, सूर्य- वृश्चिक राशि में, अभिजित मुहूर्त- सुबह 11.51 बजे से दोपहर 12.33 बजे तक, राहुकाल- सुबह 10.54 बजे से दोपहर 12.12 बजे तक, दिशा शूल- पश्चिम.










