60 दिन में 9 बच्चों ने किया सुसाइड... कोटा में ये क्या हो रहा है? विशेषज्ञ बोले- ये हालात ठीक नहीं
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राजस्थान में बसी शिक्षा नगरी में दो महीनों में 9 छात्रों ने सुसाइड कर लिया है. यहां लगातार छात्र आत्महत्या कर रहे हैं. इसके पीछे सरकार, प्रशासन या कोचिंग इंस्टिट्यूट की लापरवाही है या कुछ और? सुसाइड हब बन रहे कोटा के इस स्याह पक्ष को लेकर अब इस आपदा का हल तो ढूंढ़ना होगा.
राजस्थान की शिक्षा नगरी नाम से मशहूर कोटा में छात्रों के सुसाइड के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. कल 27 जून को दो छात्रों ने सुसाइड कर लिया. वहीं मई और जून के महीने की बात करें तो मई के महीने में 5 छात्रों ने सुसाइड किया था और जून का महीना अभी खत्म भी नहीं हुआ है और चार बच्चे सुसाइड कर चुके हैं. इस तरह 2 महीने में 9 कोचिंग छात्र सुसाइड कर चुके हैं.
ये बच्चे सुसाइड क्यों कर रहे हैं. यह कोई बताने को तैयार नहीं है. ना प्रशासन और ना कोचिंग इंस्टीट्यूट किसी के पास इसका जवाब नहीं है. यहां सुसाइड के बाद पुलिस के द्वारा परिजनों को सूचना दे दी जाती है कि आपके बच्चे ने सुसाइड कर लिया है. जिस संस्थान में बच्चा पढ़ रहा था, उस संस्थान का कोई नुमाइंदा बच्चे के परिवार वालों से मिलने तक नहीं पहुंचता. सोचकर देखिए दूरदराज के प्रदेशों से यहां बच्चे अपना भविष्य बनाने आते हैं. बच्चे अपना भविष्य और अपना सपना सजा कर यहां आते हैं. ये सपना कई बार किसी बच्चे का यही सपना बनकर रह जाता है.
अब सवाल यह है कि छात्र इतना बड़ा कदम उठाता क्यों है? क्या फैमिली प्रेशर होता है या इंस्टिट्यूट की तरफ से पढ़ाई का प्रेशर. कुछ तो ऐसा है जो बच्चों को इस कदर जान लेने को मजबूर करता है. वजह कुछ भी हो, किसी को जैसे इससे कोई मतलब नहीं रह गया. आजकल कोटा में इंस्टिट्यूट, प्रशासन और सरकारों के लिए बच्चों के सुसाइड के मामले आम बात हो गए हैं. किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता, कोई देखने वाला नहीं है. इसके पीछे सिर्फ बच्चों का परफॉर्मेंस प्रेशर ही एक वजह नहीं हैं. इसमें सरकार, प्रशासन और इंस्टिट्यूट की लापरवाही की लापरवाही भी एक वजह है. लेकिन आखिर में परिजनों द्वारा फैमिली का प्रेशर कहकर हर कोई पल्ला झाड़ देता है. प्रशासन और इंस्टिट्यूट सब अपने बचाव में लगे हैं पर यह नहीं कोई सोच रहा कि बच्चों को कैसे बचाया जाए.
छात्र1-दो महीने पहले आया था कोटा
कोचिंग नगरी में डॉक्टर बनने का सपना लेकर आने वाले कोचिंग छात्र ने फांसी का फंदा लगाकर मौत को गले लगा लिया. मृतक छात्र मेहुल वैष्णव उदयपुर के सलूंबर का निवासी था जो दो महीने पहले ही कोटा आया था. फिलहाल मृतक के शव को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया. पुलिस ने परिजनों को सूचित किया. बता दें कि छात्र कोटा में हॉस्टल में रहकर नीट की कोचिंग कर रहा था. पुलिस सुसाइड के कारणों का पता नहीं लगा सकी.
छात्र 2. - नीट छात्र ने किया सुसाइड कोटा में 27 जून को ही एक और कोचिंग छात्र ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. छात्र विज्ञान नगर इलाके में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था. शव को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया. मृतक छात्र का नाम आदित्य बताया गया है जोकि डेढ़ महीने पहले ही कोटा आया था.
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