
44 साल की शादीशुदा टीचर के प्यार में पागल हुआ 15 साल का लड़का...
AajTak
15 साल के लड़के को 44 साल की महिला टीचर से प्यार हो गया. लेकिन जब दोनों के बीच संबंध टूटा तो मामला कोर्ट पहुंचा. कोर्ट में लड़के ने खुलकर सभी के सामने स्वीकार किया कि हां, उसे टीचर से मोहब्बत हो गई थी. वह उसे पाने के लिए पागल रहता था.
15 साल के एक स्टूडेंट को 44 साल की शादीशुदा महिला टीचर से प्यार हो गया. स्टूडेंट, टीचर का प्यार पाने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहता था. स्टूडेंट ने अपनी टीचर को कई ज्वेलरी भी गिफ्ट दिए और टीचर ने उन्हें पहना भी. लेकिन एक दिन आया, जब दोनों का रिश्ता टूट गया. छात्र अपनी भावनाओं को काबू नहीं रख सका और टीचर पर कई आरोप लगा दिए.
फिर मामला कोर्ट पहुंचा और छात्र से संबंध बनाने को लेकर टीचर पर ट्रायल चला. कोर्ट में लड़के ने एक बार फिर सभी के सामने स्वीकार किया कि वह टीचर से बेइंतहा मोहब्बत करने लगा था. वह टीचर के लिए पागल हो गया था. कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद टीचर के पक्ष में फैसला सुनाया और उन्हें यौन उत्पीड़न के सभी आरोपों से बरी कर दिया. कोर्ट का फैसला सुनकर टीचर रोने लगीं.
टीचर और छात्र के बीच, ये प्रेम संबंध 2 साल पहले, 2019 में शुरू हुआ था. तब छात्र की उम्र महज 15 साल थी, टीचर 44 की थीं.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान लड़के ने कहा- मुझे नहीं पता प्यार क्या होता है, लेकिन मैं उनके साथ रहना चाहता था. मैं उन्हें बहुत तंग करता था, जो गलत था, लेकिन मुझे तब यह रियलाइज नहीं हुआ था.
बाद में लड़के ने महिला टीचर पर आरोप लगाया कि टीचर ने अपनी कार की बैक सीट पर उसके साथ संबंध बनाए और टीचर ने अपनी प्राइवेट फोटो भी उसे भेजी थी. लड़के ने कहा- हां, जब आप किसी को प्यार करते हो तो आप किसी की परवाह नहीं करते हैं, है न?
फिर फोटोज को लेकर लड़के ने कहा कि उसने टीचर को बचाने के लिए कुछ मैसेज डिलीट कर दिए थे.

Polar Loop price in India: भारतीय बाजार में Polar ने अपना स्क्रीनलेस फिटनेस ट्रैकर लॉन्च कर दिया है. ये डिवाइस Whoop Band जैसे फीचर्स के साथ आता है. जहां Whoop Band के लिए यूजर्स को हर साल सब्सक्रिप्शन खरीदना होता है. वहीं Polar Loop के साथ ऐसा कुछ नहीं है. इस बैंड को यूज करने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी.

इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों पर मंडराता संकट शनिवार, 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ और हालात लगातार पांचवें दिन बिगड़े रहे. देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. बीते चार दिनों से जारी इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा असर शुक्रवार को दिखा, जब 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जबकि गुरुवार को करीब 550 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थीं.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.









