
22 जनवरी तक दाखिल की जाए जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट... दिल्ली हाईकोर्ट से ASI को मिली नई तारीख
AajTak
जामा मस्जिद का सर्वे किए जाने की मांग से जुड़ी याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में एक बार फिर सुनवाई हुई. कोर्ट ने ASI को 22 जनवरी तक सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने का समय दे दिया है. हाई कोर्ट ने ASI को वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधियों के साथ जामा मस्जिद और उसके आसपास का सर्वे करने के लिए कहा है.
दिल्ली की जामा मस्जिद को संरक्षित स्मारक घोषित करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में एक बार फिर सुनवाई हुई. कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) विभाग की तरफ से सर्वे के लिए अतिरिक्त समय देने की मांग को स्वीकार कर लिया और अब सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 22 जनवरी 2025 तक का समय दिया है. दिल्ली HC में अब अगली सुनवाई 29 जनवरी 2025 को होगी.
दरअसल, जामा मस्जिद को संरक्षित स्मारक घोषित करने और इसके आसपास से अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. जस्टिस प्रथिबा एम सिंह और जस्टिस अमित शर्मा की बेंच ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई की है. हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को जामा मस्जिद और इसके आसपास का सर्वे करने का निर्देश दिया था.
हालांकि, ASI ने मस्जिद परिसर का सर्वे करने और रिपोर्ट पेश करने के लिए हार्टकोर्ट से अतिरिक्त समय दिए जाने की मांग की. कोर्ट ने यह मांग स्वीकार कर ली और अब 22 जनवरी 2025 तक का समय दे दिया है. बेंच ने नया आदेश 11 दिसंबर को दिया है.
ASI ने मांगा था अतिरिक्त समय
ASI की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अनिल सोनी ने प्रक्रिया पूरी करने के लिए और समय मांगा. बेंच ने अतिरिक्त समय देते हुए याचिकाकर्ता की ओर से एक वकील को सर्वे के दौरान टीम के साथ जाने की अनुमति दी. जामा मस्जिद परिसर के सर्वे के दौरान ASI के साथ वक्फ बोर्ड के सदस्य और याचिकाकर्ताओं के प्रतिनिधि वकील भी मौजूद रहेंगे.
इससे पहले 23 अक्टूबर को कोर्ट ने सर्वे करने का आदेश दिया था और अगली तारीख से करीब एक सप्ताह पहले रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था. कोर्ट ने ASI को जामा मस्जिद का कोई स्केच या टेबल रिकॉर्ड पर पेश करके यह बताने के लिए भी कहा है कि मस्जिद परिसर का उपयोग किन उद्देश्य के लिए हो रहा है.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







