2024 के लिए बीजेपी का 'घर वापसी' कैंपेन... NDA के पुराने साथियों से मिलने लगे पॉजिटिव संकेत
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बीजेपी मिशन-2024 में जुट गई है और एनडीए के उन पुराने सहयोगियों को साथ लाने की तैयारी में है, जो किसी वजह से साथ छोड़कर जा चुके हैं. इस कड़ी में टीडीपी के साथ गठबंधन पर सहमति बन गई है तो चिराग पासवान से लेकर ओम प्रकाश राजभर और सुखबीर बादल की पार्टी के साथ गठबंधन की तैयारी है.
लोकसभा चुनाव में एक साल से कम का समय का वक्त बाकी है, लेकिन सियासी समीकरण और गठजोड़ बनाए जाने लगे हैं. देश की सत्ता में बीजेपी को लगातार तीसरी बार आने से रोकने के लिए विपक्षी दल आपसी एकता बनाने में जुटे हैं. वहीं, बीजेपी भी एनडीए से नाता तोड़कर अलग हो चुके सहयोगियों की वापसी का तानाबाना बुन रही है ताकि 2024 में विपक्ष के मंसूबों पर पानी फेर सके. चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी से लेकर ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा को दोबारा से एनडीए में लेने की रणनीति बनाई जा रही है.
टीडीपी-बीजेपी के साथ फिर गठबंधन!
टीडीपी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर तीनों नेताओं के बीच बातचीत हुई. तेलंगाना विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और टीडीपी के गठबंधन पर मुहर लग जाएगी. बीजेपी और टीडीपी ना सिर्फ आंध्रप्रदेश में बल्कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव और 2024 का लोकसभा चुनाव भी गठबंधन के तहत लड़ेंगे.
2024 में लोकसभा चुनाव और आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनाव होने हैं जबकि तेलंगाना में इसी साल चुनाव होने हैं. ऐसे में टीडीपी के साथ बीजेपी के गठबंधन कर दो राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ने पर सहमति बनी है और जल्द ही दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत होगी. आंध्र प्रदेश में टीडीपी बड़े भाई की भूमिका में होगी तो तेलंगाना में टीडीपी बीजेपी के छोटे भाई की भूमिका में अदा करेगी.
2018 में टूटा था टीडीपी-बीजेपी गठबंधन दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 2018 में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर टीडीपी एनडीए से नाता तोड़कर अलग हो गई थी. बीजेपी-टीडीपी गठबंधन टूटने से आंध्र प्रदेश विधानसभा के साथ-साथ लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों को नुकसान उठाना पड़ा है. विधानसभा चुनाव में टीडीपी को 23 और लोकसभा में तीन सीटें मिली थी जबकि बीजेपी अपना खाता भी नहीं खोल सकी थी. तेलंगाना में भी सियासी हश्र कुछ ऐसा ही हुआ था. यहां बीजेपी के एक तो टीडीपी के दो विधायक जीते थे.
यहां बीजेपी और टीडीपी दोनों ही पार्टियां अपना सब कुछ गंवाने के बाद अब फिर साथ आ रही है. पिछले साल से दोनों के बीच नजदीकियां बढ़नी शुरू हुई. इसी साल दोनों दलों ने पोर्ट ब्लेयर नगर परिषद का चुनाव साथ लड़ा और एस सेल्वी को अध्यक्ष पद पर जिताने में कामयाब हुए. इसके चलते ही अब दोनों पार्टियों ने आगामी चुनाव में एक साथ उतरने का मन बनाया है. पीएम मोदी ने भी पिछले महीने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में एन टी रामाराव की जयंती पर उन्हें याद कर टीडीपी के साथ दोस्ती का संकेत दिया था.
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