
200 से ज्यादा VVIP गेस्ट, सोनिया-अखिलेश को भी न्योता, जानिए योगी के शपथ ग्रहण की क्या है तैयारी
AajTak
योगी आदित्यनाथ 21 मार्च को लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी इकाना क्रिकेट स्टेडियम में शपथ ले सकते हैं. शपथ समारोह को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है और 200 vvip गेस्ट बुलवाने की तैयारी है.
यूपी में प्रचंड जीत के बाद अब योगी आदित्यनाथ एक बार फिर सीएम पद की शपथ लेने जा रहे हैं. वे होली के बाद 21 मार्च को शपथ ले सकते हैं. इस शपथ समारोह को भव्य बनाने की पूरी तैयारी कर ली गई है. लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी इकाना क्रिकेट स्टेडियम में ये समारोह रखा जाएगा.
बताया जा रहा है कि इस शपथ समारोह में 45 हज़ार लोग शामिल हो सकते हैं. 200 से ज़्यादा vvip की एक लिस्ट भी तैयार कर ली गई है. खबर है कि योगी के शपथ समारोह में विपक्ष के नेताओं को भी निमंत्रण दिया जाएगा. सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, मायावती समेत विपक्ष के कई नेताओं को भेजा जाएगा निमंत्रण. इस सब के अलावा उन प्रदेश भर से लाभार्थियों को भी शामिल किया जाएगा जिन्हें केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों से फायदा पहुंचा है.
लेकिन इस समारोह से पहले 'जगह' को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा है कि समाजवादियों के बनाए स्टेडियम के अलावा और कोई जगह नहीं मिली शपथ के लिए. अब जानकारी के लिए बता दें कि इस स्टेडियम का निर्माण अखिलेश यादव के कार्यकाल में हुआ था. बाहर से मुग़ल आर्किटेक्चर वाला और अंदर से खेलों के लिए सभी सुविधाओं से लैस है ये स्टेडियम.
लेकिन 2018 में योगी सरकार ने इस स्टेडियम का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर कर दिया था. यहां पर अभी एक टी 20 मैच भी आयोजित किया जा चुका है. इस स्टेडियम की क्षमता 50 हजार के करीब बताई गई है. लेकिन क्रिकेट का ये स्टेडियम अब योगी के दूसरे कार्यकाल का साक्षी बनने जा रहा है. यहां पर सीएम योगी तो शपथ लेंगे ही, उनके दूसरे संभावित मंत्री भी इसी मंच से शपथ लेंगे.
वैसे उस शपथ समारोह से पहले नई सरकार को लेकर दिल्ली में मंथन जारी है. आज दिल्ली बीजेपी दफ्तर में एक बड़ी बैठक हुई है. सीएम योगी से लेकर अध्यक्ष जेपी नड्डा तक, कई दिग्गज मौजूद रहे हैं और सभी ने नई सरकार और उसके संभावित मंत्रियों पर विस्तार से चर्चा की है.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







