
1800 करोड़ की जमीन 300 करोड़ में... क्या है बेटे पार्थ पर लगा आरोप, जिससे डिप्टी सीएम अजित पवार ने खुद को अलग किया
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सवालों के घेरे में अमेकाडिया नाम की कंपनी है जिसके निदेशकों और उनके सहयोगियों ने पुणे में बिना स्टांप शुल्क चुकाए 1800 करोड़ रुपये की जमीन सिर्फ 300 करोड़ रुपये में खरीद ली. अमेकाडिया कंपनी पार्थ अजित पवार और उनके ममेरे भाई दिग्विजय अमरसिंह पाटिल की बताई जा रही है.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार आखिरी बार एक महिला IPS को कार्रवाई रोकने की धमकी देकर बुरे फंसे थे. दावा हुआ था कि अजित पवार ने इस महिला IPS से मिट्टी के अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई रोकने के लिए दबाव डाला. अब अजित पवार 2 महीने बाद एक बार फिर विवादों में हैं.
अबकी बार मामला इनके बेटे पार्थ से जुड़ा है. जिन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पिता के रसूख का इस्तेमाल करके घोटाले को अंजाम दिया है. सवालों के घेरे में अमेकाडिया नाम की कंपनी है जिसके निदेशकों और उनके सहयोगियों ने पुणे में बिना स्टांप शुल्क चुकाए 1800 करोड़ रुपये की जमीन सिर्फ 300 करोड़ रुपये में खरीद ली.
सबसे बड़ी बात ये है कि 40 एकड़ जमीन के इस सौदे के लिए स्टांप ड्यूटी के रूप में सिर्फ 500 रुपये दिए गए. जमीन का सौदा करने वाली अमेकाडिया कंपनी पार्थ अजित पवार और उनके ममेरे भाई दिग्विजय अमरसिंह पाटिल की बताई जा रही है. चौंकाने वाली बात ये है कि कंपनी की पंजीकृत पूंजी मात्र एक लाख रुपये है. फिर भी उसने 300 करोड़ की जमीन खरीद ली. अमेकाडिया कंपनी ने सरकार के आईटी पार्क नीति का फायदा उठाते हुए स्टांप ड्यूटी से पूरी तरह छूट भी हासिल कर ली.
घोटाले में अजित पवार के बेटे का सामने नाम आने के बाद कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष महाराष्ट्र सरकार पर हमलावर है. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार ने दलितों के लिए 1800 करोड़ रुपये की आरक्षित जमीन 300 करोड़ में बेच दी. राहुल ने इसे जमीन चोरी बताया.
अजित पवार को देनी पड़ी सफाई
मामला बढ़ता देख अजित पवार को सफाई देनी पड़ी है. उनका कहना है कि उनका इस मामले से कोई लेना देना नहीं है. अजित पवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. मैंने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि मैं किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं करूंगा. मैं व्यक्तिगत रूप से मामले की बारीकियों का विश्लेषण करूंगा. मैंने कभी किसी अधिकारी को अपने किसी रिश्तेदार या पार्टी कार्यकर्ता को फ़ायदा पहुंचाने के लिए नहीं बुलाया. अगर कोई गलत काम कर रहा है या तय नियमों के खिलाफ है, तो मैं उसका कभी समर्थन नहीं करूंगा.

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