
10% वोट, 8 सीटें... दिल्ली के नए मंत्री रघुविंदर शौकीन पर AAP के दांव के पीछे जाट वोटों का गणित!
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दिल्ली सरकार में कैलाश गहलोत के इस्तीफे से रिक्त हुए मंत्री पद के लिए आम आदमी पार्टी ने रघुविंदर शौकीन के नाम का ऐलान कर दिया है. रघुविंदर पर दांव के पीछे जाट वोटों का गणित क्या है?
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले तीन दिन सियासी उथल-पुथल भरे रहे. आतिशी कैबिनेट में मंत्री पद से इस्तीफा देकर कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी से भी करीब 10 साल पुराना नाता तोड़ लिया. कैलाश गहलोत विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए हैं. वहीं, आम आदमी पार्टी ने आतिशी कैबिनेट में रिक्त हुई सीट के लिए नए मंत्री के नाम का भी ऐलान कर दिया है. नांगलोई जाट विधानसभा सीट से दूसरी बार के विधायक रघुविंदर शौकीन मंत्रिमंडल में कैलाश गहलोत की जगह लेंगे.
कैलाश की जगह रघुविंदर क्यों
अब सवाल ये भी है कि आम आदमी पार्टी ने कैलाश गहलोत की जगह मंत्री पद के लिए रघुविंदर शौकीन को ही क्यों चुना? आम आदमी पार्टी के इस फैसले के पीछे भी अपना सियासी गणित है. आम आदमी पार्टी के फैसले के पीछे जाट पॉलिटिक्स है. आम आदमी पार्टी के फैसले को चार पॉइंट में समझा जा सकता है.
1- जाट के बदले जाट
कैलाश गहलोत जाट समाज से नाता रखते हैं. आतिशी कैबिनेट का जाट चेहरा रहे कैलाश के इस्तीफे से रिक्त हुई जगह भरने के लिए आम आदमी पार्टी ने रघुविंदर के रूप में जाट चेहरा ही चुना है. यह जाट वोटबैंक को बैलेंस करने की रणनीति के तहत लिया गया फैसला है. पेशे से वकील कैलाश की जगह मंत्री बनने जा रहे रघुविंदर भी पढ़े-लिखे नेता हैं, पेशे से सिविल इंजीनियर हैं. आम आदमी पार्टी ने इस एक दम से जाट वोटबैंक के साथ ही प्रबुद्ध वर्ग को भी एक संदेश देने की कोशिश की है.
2- जाट वोटबैंक

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