होटल, टैक्सी और पुलिस स्टेशन... गोवा मर्डर केस के 5 किरदार, जो खोलेंगे सूचना सेठ की खूनी साजिश के हर राज
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गोवा मर्डर केस में बच्चे की हत्या करने की आरोपी महिला अगर पुलिस की पकड़ में नहीं आती तो वह इस वारदात के सभी निशान मिटा सकती थी. पुलिस सूचना सेठ तक कैसे पहुंची, यह पूरी कहानी ड्राइवर ने बता दी है, लेकिन पांच किरदार ऐसे हैं, जिनके बारे में समझना जरूरी है.
'द माइंडफुल एआई लैब' की सीईओ सूचना सेठ पर अपने ही चार साल के बेटे की हत्या का इल्जाम है. हत्या होटल के कमरा नंबर 404 में हुई. पुलिस ने उसे गोवा से सैकड़ों मील दूर चित्रदुर्ग में पकड़ा. पुलिस के पास सूचना पहुंचने और महिला को पकड़ने जाने का किस्सा तो उस कैब ड्राइवर ने ही बता दिया, लेकिन इस पूरे किस्से में सूचना सेठ के अलावा एक दो नहीं, पूरे पांच ऐसे किरदार हैं, जिनके बारे में समझना जरूरी है.
किरदार नबंर एक- देबाशीष मांझी- होटल स्टाफ देबाशीष मांझी ने ही कमरे में खून के निशान देखे, तौलिये में खून लगा देखा और इस बात की जानकारी तुरंत मैनेजर को दी.
किरदार नंबर दो- गगन गंभीर- होटल मैनेजर ने स्टाफ के बताने पर कमरे का मुआयना किया. खून की इत्तेला पुलिस को दी. बेटे के लापता होने पर शक जाहिर किया.
किरदार नंबर तीन- परेश नाईक- गोवा के पुलिस इंस्पेक्टर सूचना मिलते ही फौरन होटल पहुंचे. टैक्सी ड्राइवर से कोंकणी भाषा में फोन पर बात की. महिला के बारे में ड्राइवर को सचेत किया.
किरदार नंबर 4-रॉय जॉन डिसूजा- टैक्सी ड्राइवर डिसूजा सूचना सेठ को लेकर बेंगलुरु जा रहा था. पुलिस के निर्देश के मुताबिक काम किया, कार को सीधा थाने में ले गया.
किरदार नंबर 5- शिव कुमार- कर्नाटक के सब इंस्पेक्टर शिव कुमार गोवा पुलिस के संपर्क में रहे. सूचना सेठ को पकड़ा और उसके बैग से शव बरामद किया. चश्मदीदों के बयान दर्ज किए.
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