![हिजाब से पहले गणपति केस में भी अलग-अलग था जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धुलिया का फैसला](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202210/cji_hemant_gupta_and_cji_sudhanshu_dhulia-sixteen_nine.jpg)
हिजाब से पहले गणपति केस में भी अलग-अलग था जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धुलिया का फैसला
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हिजाब बैन मामले पर सभी की निगाहें आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी थी, फैसला आया लेकिन मामला अब भी नहीं सुलझा. जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधाशुं धूलिया दोनों की राय एक-दूसरे से अलग रहीं. आइए जानते हैं CJI सुधांशु धूलिया और हेमंत गुप्ता के बारे में.
कर्नाटक हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट से आया फैसला विभाजित रहा है. जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हिजाब पर बैन लगाने के राज्य सरकार के फैसले को सही माना है तो जस्टिस सुंधांशु धूलिया ने राज्य सरकार के इस फैसले को गलत करार दिया है और इस आदेश को रद्द कर किया है.
ध्यान देने वाली बात ये है कि इन दोनों जजों की पीठ के बीच मतभेद वाला ये फैसला पहला नहीं है. करीब महीने भर के भीतर ये दूसरा बड़ा धार्मिक मामला है जिसमें दोनों की राय अलग है. इस बार भी नतीजा वही हुआ और मामला बड़ी बेंच को भेजा गया.
खास बात ये भी है कि ये दोनों ही मामले कर्नाटक से जुड़े थे. दोनों मामले धर्म और समाज से जुडे़ थे. पहला मामला गणपति उत्सव के आयोजन स्थल का था तो दूसरा हिजाब पर पाबंदी का है.
गणपति पूजा पर दे चुके हैं अलग अलग फैसला
गणपति उत्सव के आयोजन स्थल पर हुए विवाद के मामले में हाल ही में दोनों जजों का फैसला एक दूसरे से अलग था. बता दें कि बेंगलुरु के चामराजपेट के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी मनाने की परमिशन देने पर मुस्लिम संगठनों ने आपत्ति जताई थी. ये अनुमति पहले सरकार ने दी थी बाद में हाईकोर्ट ने इस अनुमति पर मुहर लगाई थी.
इस फैसले के खिलाफ कर्नाटक वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट गई थी. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच कर रही थी. 30 अगस्त, 2022 को वक्फ बोर्ड द्वारा दायर याचिका के मामले में इन दोनों जजों की राय विभाजित रही थी.
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