
हम भी PAK के सताए हुए, भारत के खिलाफ ISI से कभी हाथ नहीं मिलाया, 'धुरंधर' पर बलूचिस्तान क्यों नाराज?
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धुरंधर फिल्म की वाहवाही के बीच बलूचिस्तान से अलग ही प्रतिक्रिया आ रही है. पाकिस्तान से अलगाव की मांग कर रहा ये हिस्सा बलूच लोगों से बना है, जिनपर फिल्म में नकारात्मक टिप्पणी है. इसे देखने के बाद बलूच राष्ट्रवादी मीर यार ने कहा कि बलूचिस्तान ने कभी भी भारत विरोधियों का साथ नहीं दिया, इसके बाद भी उन्हें गलत ढंग से दिखाया गया.
फिल्म धुरंधर आते ही विवादों में घिर गई. पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद के इर्दगिर्द घूमती मूवी ने बलूचिस्तान के लोगों को नाराज कर दिया है. फिल्म में बलूचों को आतंकवादियों का साथ देता दिखाया गया, जबकि असल में वे खुद पाकिस्तान से त्रस्त हैं और उसके खिलाफ बगावत किए हुए हैं. बलूच कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि वे कभी भारत के खिलाफ नहीं गए, और न ही 26/11 मुंबई आतंकी हमले का जश्न मनाया.
क्या है मामला
हाल ही में बलूच एक्टिविस्ट मीर यार ने फिल्म का एक क्लिप शेयर किया, जिसमें 26/11 मुंबई हमलों का सीन था. क्लिप में बलूच किरदारों को अटैक पर खुश होता दिखाया गया. इस पर एक्टिविस्ट ने कहा कि ने कहा कि बलूचिस्तान का प्रतिनिधित्व कभी भी गैंगस्टरों ने नहीं किया. जो खुद पाकिस्तानी आतंक से परेशान हैं, वे भारत पर 26/11 जैसे हमले का जश्न कभी नहीं मना सकते. इसके अलावा बलूच धर्म के नाम पर भी नहीं लड़ते और न ही धार्मिक नारे लगाते हैं.
नाराजगी जताते हुए मीर यार ने यहां तक कहा कि फिल्म ने बलूचिस्तान के लोगों के साथ नाइंसाफी कर डाली. यहां तक कि उनकी वफादारी तक को घेरे में ला दिया. जैसे- फिल्म में एक डायलॉग है- मगरमच्छ पर भरोसा कर सकते हैं, बलूच पर नहीं. इसपर सख्त ऐतराज जताते हुए बलूच कह रहे हैं कि उनके शब्दकोश में धोखा देने जैसा शब्द नहीं. ऐसी बातें उन बलूचों के लिए कही जा रही हैं, जो एक गिलास पानी के बदले भी एक सदी तक वफा निभाते हैं.
बलूच लीडर धुरंधर फिल्म की टीम पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने बलूचिस्तान और वहां के कल्चर पर पूरी रिसर्च नहीं की, वरना वे ऐसी बातें नहीं लाते.

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