
'हम चलती-फिरती लाश बनकर जी रहे...', बांग्लादेशी हिन्दू ने आजतक से साझा किया अपना दर्द
AajTak
बांग्लादेश में कट्टरपंथी नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद चरमपंथी गांवों में हिंदू घरों को निशाना बना रहे हैं. महिलाएं-लड़कियां सबसे ज्यादा खतरे में हैं. पुलिस शिकायत नहीं दर्ज करती और उल्टा पीड़ितों को आवामी लीग समर्थक बताकर प्रताड़ित किया जाता है.
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमले जारी हैं. कट्टरपंथियों ने मंगलवार को चटगांव में एक हिंदू परिवार के घर में तोड़फोड़ की और आग लगा दिया. इस आगजनी में हिंदू परिवार के पालतू जानवरों की जलकर मौत हो गई. घटनास्थल के पास हिंदू समुदाय को निशाना बनाते हुए एक धमकी भरा बैनर भी मिला है, जिसमें हिंदुओं पर इस्लाम विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया था और उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई थी.
एक बांग्लादेशी हिंदू व्यक्ति ने आजतक से बातचीत में वहां के हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचार को लेकर अपना दर्द बयां किया. उसने कहा, 'हम जिंदा तो हैं... लेकिन चलती-फिरती लाशों की तरह जी रहे हैं.' अपनी पहचान उजागर होने के डर से उसने अपना चेहरा छिपा रखा था. उसने कहा, 'अगर आज मेरी पहचान हो गई तो कल की सुबह शायद मेरी आखिरी सुबह हो.' कट्टरपंथी छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में हिंसा भड़की, जिसके बाद चरमपंथी समूहों ने दूरदराज के गांवों तक हिंदू घरों को निशाना बनाना शुरू कर दिया.
पूरे बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले
हाल के हफ्तों में चटगांव से मयमनसिंह तक हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों की कई घटनाएं सामने आई हैं. चटगांव के दूरस्थ इलाकों से सबसे गंभीर मामले रिपोर्ट हुए हैं. पीड़ित ने 20 दिसंबर को चटगांव में हुई एक घटना का ज़िक्र करते हुए कहा कि वहां हिंदुओं को खुलेआम धमकियां दी जा रही थीं. उसने दावा किया कि धमकी भरे पर्चे मिले, जिनमें हिंदुओं को मारने और इलाके से खदेड़ने की बात लिखी थी. उसने बताया, 'लोगों को घरों में बंद कर आग लगा दी गई. परिवार जान बचाने के लिए झाड़ियों में छिपकर भागे.'
यह भी पढ़ें: 'भारत बड़ा देश... बांग्लादेश नहीं चाहता खराब संबंध', मोहम्मद यूनुस प्रशासन ने जताई सुलह की इच्छा
हिंदू समुदाय में डर और हताशा का माहौल है

अमेरिका के प्रमुख अखबार The New York Times में प्रकाशित एक रिपोर्ट ने बांग्लादेश में 19 दिसंबर को हुई मोब लिंचिंग की घटना को लेकर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. यह रिपोर्ट 27 वर्षीय दीपू चंद्र दास के खिलाफ सत्ता की कट्टरपंथियों द्वारा की गई हिंसा पर आधारित थी, लेकिन रिपोर्ट में इस घटना को सीधे तौर पर प्रस्तुत करने के बजाय इसे दक्षिण एशिया के धार्मिक असहिष्णुता से जुड़े मुद्दे के तहत पेश किया गया.

अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) ने मंगलवार को एपस्टीन जांच से जुड़े करीब 30,000 पन्नों के दस्तावेज और दर्जनों वीडियो क्लिप जारी किए हैं. दस्तावेजों में शामिल एक ईमेल, जिसकी तारीख 7 जनवरी 2020 है, में दावा किया गया है कि डोनाल्ड ट्रंप ने एपस्टीन के निजी जेट से 1993 से 1996 के बीच कम से कम 8 बार सफर किया था.

दिसंबर में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या ने एक बार फिर बांग्लादेश को संकट के मुहाने पर खड़ा कर दिया है. जाहिर है कि यह असंतोष यूं ही नहीं है. कुछ ताकतें ऐसी हैं जो नहीं चाहती हैं कि भारत और बांग्लादेश के बीच शांतिपूर्ण संबंध स्थापित हो सके. बांग्लादेश के कार्यकारी राष्ट्रपति मोहम्मद युनूस को भी इसमें ही फायद दिखता है.

बांग्लादेश में हालिया घटनाएं महज संयोग हैं या किसी बड़ी साजिश का हिस्सा... इस सवाल ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है. एक विशेष वीडियो के जरिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और लश्कर-ए-तैय्यबा प्रमुख हाफिज सईद की उस रणनीति का खुलासा हुआ है, जिसमें बांग्लादेश को भारत के खिलाफ नए लॉन्चपैड के तौर पर इस्तेमाल करने की बात सामने आ रही है.

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ते हमलों के खिलाफ हिंदू संगठनों ने पूरे देश में जोरदार प्रदर्शन की योजना बनाई है. दिल्ली में वीएचपी और बजरंग दल के सदस्यों ने बांग्लादेश उच्चायोग के सामने प्रदर्शन किया है. इन प्रदर्शनों को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो. य








