
'सोशल मीडिया ट्रोल की तरह काम कर रहा चुनाव आयोग', AAP नेता सौरभ भारद्वाज का आरोप
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AAP नेता ने कहा कि अब चुनाव आयोग कह रहा है कि ऑनलाइन एप्लीकेशन तो डाली जा सकती है मगर डिलीशन ऑनलाइन संभव नहीं है क्योंकि डिलीशन तो अफसर करेगा. तो फिर ऑनलाइन पासपोर्ट भी पॉसिबल नहीं, ऑनलाइन लाइसेंस भी पॉसिबल नहीं, ऑनलाइन डेथ सर्टिफिकेट भी पॉसिबल नहीं. क्योंकि ऑनलाइन तो सिर्फ एप्लीकेशन होती है.
आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग बीजेपी की ट्रोल आर्मी की तरह काम कर रहा है और विपक्षी नेताओं को बदनाम करने के लिए जानबूझकर भ्रम फैला रहा है.
उन्होंने कहा कि कल बड़ी हास्यास्पद बात हुई. राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता करके बताया कि ऑनलाइन डिलीशन की एप्लिकेशन डाली गई. चुनाव आयोग ने आधे घंटे में लिख दिया कि ऑनलाइन डिलीशन संभव नहीं है. कमाल है क्यों नहीं संभव? ऑनलाइन फॉर्म-7 उपलब्ध है, आप फॉर्म डालिए और वो एप्लीकेशन जाएगी.
AAP नेता ने कहा कि अब चुनाव आयोग कह रहा है कि ऑनलाइन एप्लीकेशन तो डाली जा सकती है मगर डिलीशन ऑनलाइन संभव नहीं है क्योंकि डिलीशन तो अफसर करेगा. तो फिर ऑनलाइन पासपोर्ट भी पॉसिबल नहीं, ऑनलाइन लाइसेंस भी पॉसिबल नहीं, ऑनलाइन डेथ सर्टिफिकेट भी पॉसिबल नहीं. क्योंकि ऑनलाइन तो सिर्फ एप्लीकेशन होती है.
भारद्वाज ने कहा कि जब आप लाइसेंस बनवाने के लिए जो ऑनलाइन एप्लीकेशन डालते हैं, उसके संबंधित अफसर बुलाएगा, आपसे गाड़ी चलवायेगा, फिर आपको लाइसेंस मिलेगा. आप अपने कंप्यूटर पर बैठकर तो गाड़ी नहीं चला दोगे. तो ये समझने की जरूरत है कि चुनाव आयोग ट्रोल्स की तरह क्या खेल रहा है.
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने यह बयान सिर्फ विपक्षी नेता को डिस्क्रेडिट करने के लिए दिया ताकि उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा सके और मुद्दा पानी-पानी हो जाए. भारद्वाज ने कहा,
“चुनाव आयोग इस समय ट्रोल की तरह बर्ताव कर रहा है. बीजेपी की ट्रोल आर्मी को असला-बारूद दे रहा है. एक संवैधानिक संस्था का यह काम नहीं हो सकता. भारत का चुनाव आयोग सोशल मीडिया ट्रोल की तरह एक्ट कर रहा है, जो बेहद शर्मनाक है.”

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