
सैफुल्लाह की 'रहस्यमयी मौत' से लश्कर का 'नेपाल मॉड्यूल' ध्वस्त... पाकिस्तान में ऐसे हो रहा है हिंदुस्तान के दुश्मनों का सफाया
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Saifullah Khalid Killed in Pakistan: लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी रजाउल्लाह निजामनी उर्फ अबू सैफुल्लाह खालिद को रविवार को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में तीन अज्ञात बंदूकधारियों ने मार गिराया. वो साल 2006 में आरएसएस मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था. उसने हिंदुस्तान में कई आतंकी हमले कराए थे.
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी रजाउल्लाह निजामनी उर्फ अबू सैफुल्लाह खालिद को रविवार को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में तीन अज्ञात बंदूकधारियों ने मार गिराया. वो साल 2006 में आरएसएस मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था. उसने हिंदुस्तान में कई आतंकी हमले कराए थे. साल 2000 की शुरुआत में वो नेपाल से लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकी गतिविधियों को संचालित करता था. उसके कई उपनाम जैसे कि गाजी, विनोद कुमार, मोहम्मद सलीम और रजाउल्लाह थे.
जानकारी के मुताबिक, अबू सैफुल्लाह खालिद रविवार की दोपहर मतली स्थित अपने घर से निकला था. सिंध प्रांत के बदनी में एक क्रॉसिंग के पास हमलावरों ने उसे गोली मार दी. लश्कर के अबू अनस का करीबी सहयोगी खालिद नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय पर हमले का मास्टरमाइंड था. इस हमले में तीनों आतंकवादी मारे गए थे. इसके अलावा खालिद साल 2005 में बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान पर हुए आतंकवादी हमले में भी शामिल था.
सीआरपीएफ कैंप पर हुए हमले का मास्टरमाइंड
इस आतंकी हमले में आईआईटी के प्रोफेसर मुनीश चंद्र पुरी मारे गए थे. इस वारदात को अंजाम देने के बाद आतंकवादी भाग निकले थे. पुलिस ने मामले की जांच के बाद अबू अनस के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया, जो अभी भी फरार है. सैफुल्लाह खालिद साल 2008 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर हुए हमले का भी मास्टरमाइंड था. इस आतंकी हमले में सात जवान और एक नागरिक मारे गए थे. दो आतंकवादी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले थे.
लश्कर के नेपाल मॉड्यूल का प्रभारी था खालिद
साल 2000 में सैफुल्लाह खालिद लश्कर के नेपाल मॉड्यूल का प्रभारी था. वो कैडरों की भर्ती, वित्तीय-रसद सहायता प्रदान करने और भारत-नेपाल सीमा पर लश्कर के गुर्गों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए काम करता था. वो लश्कर के लॉन्चिंग कमांडरों आजम चीमा उर्फ बाबाजी और याकूब के साथ मिलकर काम कर रहा था. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा मॉड्यूल का पर्दाफाश किए जाने के बाद वो नेपाल छोड़कर पाकिस्तान लौट आया. वहीं से अपना काम जारी रखा.

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