सेंट्रल विस्टा: अदालत ने भूखंड के भूमि उपयोग में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की
The Wire
शीर्ष अदालत ने भूखंड संख्या एक के भूमि उपयोग को मनोरंजन क्षेत्र से आवासीय क्षेत्र में बदलने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. एक याचिका में तर्क दिया गया था कि भूखंड के भूमि उपयोग में परिवर्तन जनहित में नहीं है. लुटियंस दिल्ली के इस भूखंड पर केंद्र की मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना के हिस्से के रूप में उपराष्ट्रपति का नया आधिकारिक आवास बनेगा.
शीर्ष अदालत ने कहा कि हर बात की आलोचना हो सकती है, लेकिन यह ‘रचनात्मक आलोचना’ होनी चाहिए. न्यायालय ने कहा कि यह नीतिगत मामला है तथा संबंधित अधिकारियों द्वारा पर्याप्त स्पष्टीकरण दिए गए हैं, जो भूखंड के भूमि उपयोग में परिवर्तन को सही ठहराते हैं.
जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा, ‘हमें इस मामले पर और गौर करने का कोई कारण नहीं मिला और इसलिए इस याचिका को खारिज करके पूरे विवाद को खत्म कर रहे हैं.’
शीर्ष अदालत ने भूखंड संख्या एक के भूमि उपयोग को मनोरंजन क्षेत्र से आवासीय क्षेत्र में बदलने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
जस्टिस खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘भूमि उपयोग में बदलाव को चुनौती के आलोक में एक विस्तृत हलफनामा दायर किया गया है. यह याचिकाकर्ता का मामला नहीं है कि अधिकारियों के पास इस तरह के बदलाव को लागू करने की कोई शक्ति नहीं है. याचिकाकर्ता का तर्क है कि चूंकि अतीत में यह एक मनोरंजक क्षेत्र था, इसलिए इसे ऐसे ही रखा जाना चाहिए था. यह न्यायिक समीक्षा का दायरा नहीं हो सकता.’