Primary Country (Mandatory)

Other Country (Optional)

Set News Language for United States

Primary Language (Mandatory)
Other Language[s] (Optional)
No other language available

Set News Language for World

Primary Language (Mandatory)
Other Language(s) (Optional)

Set News Source for United States

Primary Source (Mandatory)
Other Source[s] (Optional)

Set News Source for World

Primary Source (Mandatory)
Other Source(s) (Optional)
  • Countries
    • India
    • United States
    • Qatar
    • Germany
    • China
    • Canada
    • World
  • Categories
    • National
    • International
    • Business
    • Entertainment
    • Sports
    • Special
    • All Categories
  • Available Languages for United States
    • English
  • All Languages
    • English
    • Hindi
    • Arabic
    • German
    • Chinese
    • French
  • Sources
    • India
      • AajTak
      • NDTV India
      • The Hindu
      • India Today
      • Zee News
      • NDTV
      • BBC
      • The Wire
      • News18
      • News 24
      • The Quint
      • ABP News
      • Zee News
      • News 24
    • United States
      • CNN
      • Fox News
      • Al Jazeera
      • CBSN
      • NY Post
      • Voice of America
      • The New York Times
      • HuffPost
      • ABC News
      • Newsy
    • Qatar
      • Al Jazeera
      • Al Arab
      • The Peninsula
      • Gulf Times
      • Al Sharq
      • Qatar Tribune
      • Al Raya
      • Lusail
    • Germany
      • DW
      • ZDF
      • ProSieben
      • RTL
      • n-tv
      • Die Welt
      • Süddeutsche Zeitung
      • Frankfurter Rundschau
    • China
      • China Daily
      • BBC
      • The New York Times
      • Voice of America
      • Beijing Daily
      • The Epoch Times
      • Ta Kung Pao
      • Xinmin Evening News
    • Canada
      • CBC
      • Radio-Canada
      • CTV
      • TVA Nouvelles
      • Le Journal de Montréal
      • Global News
      • BNN Bloomberg
      • Métro
सरदार उधम: उग्र राष्ट्रवाद का शिकार हुए बिना कई परतों में छिपी एक स्वतंत्रता सेनानी की कहानी…

सरदार उधम: उग्र राष्ट्रवाद का शिकार हुए बिना कई परतों में छिपी एक स्वतंत्रता सेनानी की कहानी…

The Wire
Wednesday, November 03, 2021 06:48:44 AM UTC

उधम सिंह और भगत सिंह के चरित्रों को एक संदर्भ देते हुए शूजीत सरकार दो महत्वपूर्ण लक्ष्यों को साध लेते हैं. पहला, वे क्रांतिकारियों को वर्तमान संकीर्ण राष्ट्रवाद के विमर्श के चश्मे से दिखाई जाने वाली उनकी छवि से और बड़ा और बेहतर बनाकर पेश करते हैं. दूसरा, वे आज़ादी के असली मर्म की मिसाल पेश करते हैं. क्योंकि जब सवाल आज़ादी का आता है, तो सिर्फ दो सवाल मायने रखते हैं: किसकी और किससे आज़ादी?

अनेक भारतीयों की तरह मैं भी ‘एक आंख के बदले आंख से पूरी दुनिया अंधी हो जाएगी’, को मोहनदास करमचंद गांधी का कथन मानता था. यह बात मेरे अंदर इतनी गहराई तक घुस गई थी कि यह कथन वास्तव में किसका है, इसकी जांच करने का ख्याल मेरे मन में कभी आया ही नहीं. बॉलीवुड की कई देशभक्ति वाली फिल्मों में भी यही मानसिकता झलकती है. ये फिल्में आजादी के योद्धाओं को हाड़-मांस के इंसान के तौर पर न देखकर एक प्रतीक के तौर पर पेश करती थीं – और उनका बेढंगा सामान्यीकरण करती थीं, उनकी जटिलताओं को छानकर उन्हें मल्टीप्लेक्स के दर्शकों के लिए एक सुंदर माल में बदल देती थीं. समय के साथ यह प्रवृत्ति और खराब होती गई.

पिछले सात सालों में बॉलीवुड के जबरा राष्ट्रवाद के बारे में काफी कुछ लिखा गया है. लेकिन अमेजन प्राइम वीडियोज, पर दिखाई जा रही शूजीत सरकार की हालिया फिल्म सरदार उधम ऐसी कमजोरियों को परे रखते कुछ ऐसा दिखाती है, जो बॉलीवुड के लिए विरल है : एक क्रांतिकारी और उसके विचार, एक विद्रोही और उसके -महाद्वीपों के आरपार फैले- सहयोगी, एक व्यक्ति और उसका व्यक्तित्व- जो लापरवाह सामान्यीकरणों और उथले चरित्रांकन में आनंदित होने वाली संकीर्ण मानसिकता से दागदार नहीं हुए हैं.

रितेश साह और शुभेंदु भट्टाचार्य द्वारा लिखित सरदार उधम ज्यादातर जीवनी आधारित फिल्मों की क्रमबद्ध जीवन वर्णन करने वाली शैली का त्याग करके एक नॉन-लीनियर नैरेटिव (यानी बिना किसी सीक्वेंस को अपनाए) के प्रयोग से भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण दास्तां को बयान करती है.

अगर एक इंसानी जीवन को कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं में सीमित किया जा सकता, तो उधम सिंह (विकी कौशल) की जिंदगी कुछ इस तरह से होती: जालियांवाला बाग नरसंहार (अप्रैल, 1919) का साक्षी बनना, पंजाब के लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकल ओ’डायर की हत्या (मार्च, 1940), फांसी (जुलाई, 1940).

Read full story on The Wire
Share this story on:-
More Related News
© 2008 - 2025 Webjosh  |  News Archive  |  Privacy Policy  |  Contact Us