संसद सुरक्षा चूक: जूते मॉडिफाई करने वाले मोची की तलाश, स्पेशल सेल ने यूपी पुलिस से मांगी मदद
AajTak
संसद सुरक्षा चूक मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मोची की तलाश के लिए यूपी पुलिस से मदद मांगी है. सूत्रों ने बताया कि सागर द्वारा पूछताछ के दौरान किए गए खुलासे के आधार पर टीम ने आलमबाग में कई मोचियों से भी पूछताछ की, लेकिन जूतों में बदलाव करने वाले मोची के बारे में कुछ भी पता नहीं चला है.
संसद सुरक्षा चूक मामले में दिल्ली पुलिस कई पहलुओं पर जांच कर रही है. सूत्रों के अनुसार, स्पेशल सेल इन दिनों सागर शर्मा और मनोरंजन डी के जूतों में कलर स्प्रे फिट करने वाले मोची की तलाश कर रही है, क्योंकि पुलिस मोची को इस मामले में गवाह बनाना चाहती है और इसी संबंध में अब स्पेशल सेल ने उत्तर प्रदेश पुलिस की मदद मांगी है.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि सागर ने पहले खुद जूते बदलने की कोशिश की, लेकिन वो जूतों में छेद नहीं कर पाया. इसके बाद उसने मोची से संपर्क किया, जो लखनऊ के आलमबाग इलाके में आया था. दिल्ली पुलिस की एक टीम ने इस महीने की शुरुआत में मोची की तलाश के लिए लखनऊ गई थी, लेकिन टीम को मोची के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली.
पुलिस ने कई मोचियों से की पूछताछ
सूत्रों ने बताया कि सागर द्वारा पूछताछ के दौरान किए गए खुलासे के आधार पर टीम ने आलमबाग में कई मोचियों से भी पूछताछ की.
एफआईआर के अनुसार, सागर और मनोरंजन के बाएं जूते के अंदर के तलवे को काटने से कैविटी बनी हुई पाई गई. कैविटी को सहारा देने के लिए नीचे रबर का सोल लगाने से जूते के जलवे की मोटाई बढ़ गई थी, जबकि दाहिने पैर के जूते के अंदर के सोल भी काटा गया था.
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने लखनऊ के आलमबाग स्थित रामनगर में आरोपी सागर के घर से एक जोड़ी जूते, जूते के सोल और जूते नापने वाले एक रूलर बरामद किया था. साथ ही सागर के घर से स्वतंत्रता सेनानी शहीद-ए-आजम भगत सिंह की एक डायरी और कुछ किताबें भी बरामद की हैं.
जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.
महाराष्ट्र के ठाणे में ठगों ने यूपी पुलिस का अधिकारी बनकर एक कारोबारी को करीब 20 लाख रुपये का चूना लगा दिया. ठगों ने कारोबारी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी थी और गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसों की मांग की थी. पैसे देने के बाद जब कारोबारी ने लखनऊ में फोन कर यूपी पुलिस थाने में जानकारी ली तो उसे पता चला कि उसके खिलाफ कोई केस ही नहीं है.