श्रीलंका : इमरजेंसी लागू होने के बाद से पूरे देश में मचा है हाहाकार, राष्ट्रपति बोले- लोगों से न लें बदला, हिंसा रोक दें
AajTak
18 साल पहले भी श्रीलंका की टॉप पॉलिटिक्स कुर्सी संभालने वाले महिंदा राजपक्षे 2004 में श्रीलंका के 13वें पीएम बने थे. उस समय भी श्रीलंका के सामने सुनामी से हुई तबाही का संकट था. उस समय 40 हजार से अधिक मौतें हुई थीं. श्रीलंका में तबाही के हालात थे तब अगले साल श्रीलंका की जनता ने महिंदा को चुना था.
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने मंगलवार को ट्विटर पर उग्र हो चुके प्रदर्शनकारियों से अपील कि वे चाहे जिस भी पार्टी हों लेकिन वे शांत रहें और हिंसा रोक दें. नागरिकों के खिलाफ बदले की कार्रवाई न करें. उन्होंने कहा कि संवैधानिक जनादेश और आम सहमति के जरिए राजनीतिक स्थिरता बहाल करने और आर्थिक संकट को दूर करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे.
मालूम हो कि श्रीलंका में महिंदा राजपक्षे ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला करने और हिंसा फैलाने के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे के बाद उनके समर्थकों ने हिंसा फैलानी शुरू कर दी है.
बेटे का दावा- देश से नहीं भागेंगे पिता महिंदा राजपक्षे
महिंदा राजपक्षे के बेटे नमल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ऐसी कई अफवाहें हैं कि उनके पिता महिंदा राजपक्षे देश छोड़कर नहीं भागने वाले हैं. उन्होंने हम ऐसा नहीं करेंगे. खेल मंत्री रहे नमल ने कहा, "मेरे पिता सुरक्षित हैं, वह सुरक्षित स्थान पर हैं और परिवार से बात कर रहे हैं." मालूम हो कि महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को बढ़ते दबाव के बीच पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. इतना ही नहीं प्रदर्नशकारियों ने हंबनटोटा में उनके घर को भी जलाकर राख कर दिया है. मालूम हो कि पूरे श्रीलंका में चार दिन पहले ही इमरजेंसी लगा दी गई है.
अफसरों ने की हवाई फायरिंग, भीड़ ने पीट डाला
श्रीलंका में कर्फ्यू लागू होने के बाद भी हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. भीड़ ने मंगलवार को कोलंबो में प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास के पास एक शीर्ष श्रीलंकाई पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट की और उनके वाहन में आग लगा दी. वरिष्ठ उप महानिरीक्षक देशबंधु तेनाकून कोलंबो में सर्वोच्च पद के अधिकारी हैं, उन्हें तुरंत इलाज की जरूरत है, उन्हें घर भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए अधिकारी ने हवाई फायरिंग की थी.
अमेरिका के व्हाइट हाउस ने गाजा युद्ध पर बड़ी जानकारी दी. बता दें कि गाजा पर अमेरिका, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रिया, ब्राजील, बुल्गारिया, कनाडा ने संयुक्त बयान दिया है. व्हाइट हाउस के मुताबिक, सभी देशों ने ये माना है कि युद्धविराम के लिए जो भी जरूरी समझौता है, उस पर इजरायल और हमास को काम करना चाहिए. देखें यूएस टॉप-10.
गाजा में इजरायली सुरक्षाबलों और हमास के बीच संघर्ष जारी है. इसी बीच हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि गाजा पट्टी पर इजरायली हमलों में फिलिस्तीनियों की मौत की संख्या बढ़कर 36,731 हो गई है, जबकि 83,530 लोग घायल हो गए हैं. मंत्रालय ने यह भी बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान इजरायली सुरक्षाबलों के हमलों में 77 लोगों की मौत हो गई.