
'शराब God Gift है, इसलिए दिया है क्योंकि...', पोप फ्रांसिस का हैरान करने वाला बयान
AajTak
पोप फ्रांसिस ने हैरान करने वाला बयान दिया है. उन्होंने कहा कि शराब ईश्वर की ओर से एक उपहार है और यह हमें इसलिए सौंपी गई है क्योंकि हम इसे खुशी का सच्चा स्रोत मानते हैं.
कैथोलिक चर्च के वर्तमान प्रमुख, रोम के बिशप और वेटिकन सिटी राज्य के संप्रभु पोप फ्रांसिस का ताजा बयान खूब चर्चा में है. पोप फ्रांसिस ने शराब को 'ईश्वर का उपहार' बताया है.
87 वर्षीय पोप ने कहा कि शराब ईश्वर की ओर से एक उपहार है और यह हमें इसलिए सौंपी गई है क्योंकि हम इसे खुशी का सच्चा स्रोत मानते हैं. उन्होंने आगे लोगों से मजाक में कहा- यह नशे में धुत पोप जैसी बात लगती है. इतालवी शराब निर्माताओं ने वेटिकन में उनके साथ एक निजी बैठक के दौरान यूरोपीय स्वास्थ्य चेतावनियों के खिलाफ लड़ाई के दौरान उनके बयान की तारीफ की.
पहले यौन सुख को बताया था ईश्वर का उपहार बता दें कि कुछ दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि यौन सुख भी 'ईश्वर का उपहार' है. पोप ने वेटिकन में भीड़ से कहा था कि सेक्स का आनंद लेना और प्यार की रक्षा करना उनका कर्तव्य था, क्योंकि इसके बिना जीवन दुखद और अकेलेपन से भरपूर होगा. उन्होंने आगे कहा 'ईसाई धर्म में, सेक्सुअल इंस्टिंक्ट की कोई निंदा नहीं है.'
हेल्दी ड्रिंकिंग हैबिट होनी चाहिए
पोप ने कहा- 'शराब, भूमि, कृषि कौशल और उद्यमशीलता भगवान के उपहार हैं. इन्हें हमें सौंपा गया है क्योंकि, हमारी संवेदनशीलता और ईमानदारी के साथ, हम उन्हें खुशी का सच्चा स्रोत बनाते हैं.' उन्होंने उनसे पर्यावरण और अपने श्रमिकों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करने के साथ-साथ हेल्दी ड्रिंकिंग हैबिट को प्रोत्साहित करने को भी कहा. इससे पहले धार्मिक नेता ने 2016 में कहा था कि शराब शादी समारोह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. उन्होंने कहा- 'एक शादी की पार्टी में शराब न होने से नवविवाहित जोड़े को शर्म आती है. कल्पना कीजिए कि आप चाय पीते हुए शादी की पार्टी खत्म करते हैं तो कैसा होगा.

Surya Mangal Yuti 2025: 16 दिसंबर को धनु राशि में बनेगी सूर्य-मंगल की युति, इन राशियों को होगा फायदा
Surya Mangal Yuti 2025: धनु राशि में बन रही सूर्य-मंगल की शक्तिशाली युति कई राशियों के जीवन में नई ऊर्जा, बदलाव और नए अवसर लेकर आ रही है. करियर, धन, रिश्ते और आत्मविश्वास से जुड़े मामलों में भी बड़ा सुधार देखने को मिल सकता है.

क्या आपने कभी गौर किया है कि दुनिया का कोई भी बड़ा नेता-चाहे वह अमेरिकी राष्ट्रपति हो या फ्रांस का प्रमुख भारत पहुंचते ही सबसे पहले हैदराबाद हाउस ही क्यों जाता है? इसकी वजह सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि एक ऐसा शाही अतीत है जिसमें निजाम की रईसी, ब्रिटिश दौर की राजनीतिक जटिलताएं और आजादी के बाद भारत की उभरती कूटनीतिक पहचान तीनों के निशान गहराई से दर्ज हैं.











