शंखनाद: पुलिस हिरासत में हत्याएं, सवालों के घेरे में यूपी की कानून व्यवस्था
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पहले अतीक-अशरफ का मर्डर और अब मुख्तार अंसारी के करीबी की हत्या. इन वारदातों ने यूपी पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया है, सवाल उठ रहे हैं कि पुलिस की मौजूदगी में हत्याएँ कैसे हो रही हैं. सवाल इस बात पर भी उठ रहे हैं कि हत्यारों के पास अत्याधुनिक पिस्टल कहां से आती हैं. देखिए शंखनाद.
केजरीवाल के वकील ने कहा कि ईडी के हस्तक्षेप के कारण, केजरीवाल को अपने कानूनी मामलों के लिए लीगल मीटिंग करने की अनुमति नहीं है और हफ्ते में सिर्फ 2 लीगल मीटिंग की अनुमति है. यदि आप भी समय देंगे, तो भी हमारे पास केजरीवाल के जवाब नहीं होंगे, तो हम कोई जवाब कैसे दाखिल कर सकते हैं? हमें अरविंद केजरीवाल से निर्देश नहीं मिल पा रहे हैं.'
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद आजतक ने गृह मंत्री अमित शाह से खास बातचीत की. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी के 400 पार और बीजेपी नेताओं के 'संविधान में संशोधन' जैसे बयानों पर उन्होंने खुलकर बात की. उन्होंने स्पष्ट किया कि बीजेपी की ऐसी कोई योजना नहीं है कि सीटें मिलने के बाद संविधान में संशोधन करेंगे या सेक्युलर शब्द हटाएंगे.
उत्तर प्रदेश और बिहार में मतदान का अब तक का बहुत कम प्रतिशत देखने को मिला है. गृह मंत्री अमित शाह, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और हैदराबाद के असदुद्दीन ओवैसी ने अपना नामांकन दाखिल किया है. चुनावी हिंसा की खबरें भी कई हिस्सों से सामने आई हैं. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ इस बात की जांच करने के लिए सहमत हो गई है कि क्या जिला मजिस्ट्रेट एक नियमित मामले के रूप में चुनाव से पहले धारा 144 लागू कर सकते हैं? याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि जब तक शांति भंग होने की आशंका न हो आप धारा 144 लागू करने का आदेश जारी नहीं कर सकते.