वीर सावरकर और 10 केस का जिक्र... HC ने राहुल गांधी की याचिका खारिज करते हुए क्या-क्या कहा?
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राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था, ''नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है?'' राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी नेता ने उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था. निचली अदालत ने राहुल को दोषी पाते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी. राहुल ने इस सजा पर रोक की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दर्ज की थी.
गुजरात हाईकोर्ट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने 'मोदी सरनेम' मानहानि मामले में निचली अदालत से मिली 2 साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार करते हुए राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया. हाईकोर्ट के जज जस्टिस हेमंत पृच्छक ने निचली अदालत का फैसला उचित माना है. इतना ही नहीं उन्होंने राहुल की याचिका को खारिज करते हुए वीर सावरकर का भी जिक्र किया. आइए जानते हैं कि कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार करते हुए क्या कहा?
- जस्टिस हेमंत पृच्छक ने कहा, 'राहुल गांधी बिल्कुल अस्तित्वहीन आधार पर राहत पाने की कोशिश कर रहे हैं.' - 'निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा पर रोक लगाना कोई नियम नहीं है, बल्कि एक अपवाद है, जिसका सहारा दुर्लभ मामलों में लिया जाना चाहिए.' - 'आवेदक के खिलाफ लगभग 10 आपराधिक मामले लंबित हैं.' - 'यहां तक कि इस शिकायत के बाद राहुल गांधी के खिलाफ एक और शिकायत वीर सावरकर के पोते ने दर्ज कराई.' - 'सजा पर रोक न लगाना राहुल गांधी के साथ अन्याय नहीं होगा.' - 'दोषसिद्धि पर रोक लगाने का कोई उचित आधार नहीं दिया गया.' - 'सेशन कोर्ट का आदेश न्यायसंगत एवं उचित है.'
2019 में दिए बयान पर हुई थी राहुल को सजा
राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था, ''नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?'' राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था. अपनी शिकायत में बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?
सेशन कोर्ट ने सुनाई दो साल की सजा
राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के मामले में चार साल बाद 23 मार्च को सूरत की निचली अदालत ने राहुल को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद राहुल गांधी ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ सूरत सेशन कोर्ट का रुख किया था. हालांकि, उन्हें सेशन कोर्ट से राहत नहीं मिली थी. अब उन्हें गुजरात हाईकोर्ट से भी झटका लगा है.
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