
आस्था, अंधविश्वास या फिर कुछ और... 133 दिनों बाद भी समाधि से नहीं लौटीं साध्वी आशुतोषंबरी! शिष्यों को अभी भी इंतजार
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तर्क, साइंस, व्यवहारिकता और सिस्टम के पैमानों पर आप इसे जो भी मानते हों, लेकिन उनके शिष्य हैं जो ये मानने को तैयार नहीं हैं कि वो अब ज़िंदा नहीं है. बल्कि उनके शिष्य इस महिला की इस हालत को समाधि का नाम देते हैं और ये भी कहते हैं कि अब से कुछ दिनों के बाद वो इस समाधि से खुद ब खुद बाहर आ जाएंगी.
Sadhvi Ashutoshambari Samadhi Mystry: इस भयानक गर्मी में किसी भी चीज़ को सुरक्षित रख पाना अपने-आप में एक चुनौती है. लेकिन पिछले 133 दिनों से एक साध्वी का शरीर एक ही जगह पर जस का तस रखा है. साध्वी के शिष्य इसे समाधि कहते हैं और उनके शरीर पर कोई रहस्यमयी लेप लगाते हैं। लेकिन क्या ये उसी लेप का कमाल है? या फिर क्लिनिकली डेड करार दी जा चुकी इन साध्वी का सच कुछ और है?
हकीकत या अंधविश्वास? वो समाधि है, अंधविश्वास है या फिर कुछ और? जिस पचास डिग्री के टेंपरेचर में इंसान के लिए एक-एक दिन निकालना मुश्किल हो रहा है, बाहर चलती हीट वेव से लोगों का जीना मुहाल है, उसी भयानक गर्मी में एक महिला का शरीर एक आश्रम में पूरे 133 दिनों एक ही जगह पर जस का तस यूं ही रखा है. डॉक्टर उन्हें क्लिनकली डेड बता चुके हैं. वो ना तो सांस लेती हैं, ना खाना खाती हैं, ना अपनी जगह से हिलती हैं और ना ही उनकी धड़कन ही चल रही है.
साध्वी को मृत नहीं मानते शिष्य लेकिन इनके बावजूद उनका शरीर है कि खराब नहीं होता. हैरानी ये भी है कि उनका शरीर ना तो किसी बर्फ की सिल्ली पर रखा है और ना ही डीप फ्रीज़र के अंदर. लेकिन इसके बावजूद उनके शरीर में ना तो कोई अकड़न है और ना ही उसके खराब होने के कोई संकेत. तर्क, साइंस, व्यवहारिकता और सिस्टम के पैमानों पर आप इसे जो भी मानते हों, लेकिन उनके शिष्य हैं जो ये मानने को तैयार नहीं हैं कि वो अब ज़िंदा नहीं है. बल्कि उनके शिष्य इस महिला की इस हालत को समाधि का नाम देते हैं और ये भी कहते हैं कि अब से कुछ दिनों के बाद वो इस समाधि से खुद ब खुद बाहर आ जाएंगी.
समाधि में लेटी हैं साध्वी आशुतोषांबरी! ये अजीबोगरीब कहानी है लखनऊ के आनंद आश्रम की, जहां आशुतोष महाराज की एक शिष्या साध्वी आशुतोषांबरी पिछले 133 दिनों से एक ही जगह पर यूं ही बिना हिला-डुले और बिना कोई रोज़मर्रा का काम किए जस की तस लेटी हैं और उनके आश्रम के लोग हैं कि ये बता रहे हैं कि साध्वी समाधि में हैं. समाधि का मकसद विश्व कल्याण के साथ-साथ उनके अपने गुरु आशुतोष महाराज को समाधि से वापस लाना है.
डीप फ्रीजर में रखा है आशुतोष महाराज का शरीर असल में खुद आशुतोष महाराज का शरीर भी इसी तरह पिछले दस सालों से उनके जालंधर के आश्रम में डीप फ्रिजर में कैद है और साध्वी आशुतोषांबरी के शिष्यों का कहना है कि उनकी गुरु मां यानी आशुतोषांबरी ही समाधि में जा कर आशुतोष महाराज को उनकी समाधि से जगा कर इस दुनिया में वापस ला सकती हैं. लेकिन विश्व कल्याण के महामिशन से लेकर आशुतोष महाराज को जगाने का ये काम साध्वी आशुतोषांबरी कब तक पूरा करेंगी, इसका साफ-साफ जवाब किसी के पास नहीं.
शरीर को बचाने के लिए कड़े इंतजाम वैसे साध्वी के अनुयायी चाहे जो कहें, इस समाधि की असली कहानी ये है कि जब साध्वी आशुतोषांबरी समाधि में गई थी, तो उन्होंने इसके लिए सिर्फ एक महीने यानी 30 दिनों का वक़्त ही तय किया था. उन्होंने कहा था कि महीने भर में वो समाधि से लौट आएंगी. लेकिन वक्त गुजरता रहा और समाधि 30 दिनों से अब 133 दिनों में पहुंच गई, लेकिन इस समाधि से वो वापस कब और कैसे लौटेंगी, ये कोई नहीं जानता. इन हालात में साध्वी का शरीर आश्रम के एक कमरे में पिछले 90 दिनों से एक जगह पर यूं ही जस का तस रखा है, जहां इस भीषण गर्मी में उनके शरीर को सुरक्षित रखने के लिए खास तौर पर एसी और पंखों का इंतजाम किया गया है साथ ही उनके शरीर पर आश्रम के अनुयायी खास किस्म के जड़ी बूटियों का लेप लगा रहे हैं.

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