
विदेशी तोहफों पर फंसे इमरान और ट्रम्प... जानें भारतीय पीएम-राष्ट्रपति को मिले गिफ्ट का क्या होता है?
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बाद अब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी विदेशी तोहफों को लेकर फंस गए हैं. ट्रम्प पर आरोप है उन्होंने 100 से ज्यादा विदेशी तोहफों की जानकारी नहीं दी, जिनकी कीमत ढाई लाख डॉलर से ज्यादा है. ऐसे में जानते हैं कि जब भारतीय नेताओं को विदेश से गिफ्ट मिलते हैं तो उनका क्या होता है?
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 'तोहफों' को लेकर फंस गए हैं. दोनों नेता विदेशों से मिले गिफ्ट पर फंसे हुए हैं.
इमरान खान पर आरोप है कि प्रधानमंत्री रहते हुए उन्हें विदेशों से जो तोहफे मिले थे, उसे उन्होंने सस्ते दामों में खरीदकर भारी मुनाफे पर बेच दिया.
वहीं, डोनाल्ड ट्रम्प पर आरोप है कि उन्होंने ढाई लाख डॉलर के विदेशी तोहफों की जानकारी छिपाई. इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले तोहफे भी शामिल हैं.
दरअसल, होता ये है कि प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति से लेकर बड़े-बड़े सरकारी अफसरों को विदेशों से जो गिफ्ट मिलते हैं, उन्हें सरकारी खजाने में जमा करवाना होता है. भारत और पाकिस्तान में इसे 'तोशाखाना' कहा जाता है. पूरी दुनिया में यही नियम है. ऐसा इसलिए क्योंकि कोई भी देश किसी व्यक्ति को गिफ्ट नहीं देता, बल्कि उसके ओहदे को देता है. तो ये तोहफे असल में देश के होते हैं, इसलिए इन्हें जमा कराने का नियम बना.
भारत में क्या है नियम?
भारत के किसी भी नेता या सरकारी अफसर को विदेशी दौरे से लौटने के महीनेभर के भीतर तोहफे को विदेश मंत्रालय को सौंपना होता है.

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